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Buxar Top News: विजयादशमी महोत्सव: प्रभु के चरण पखार कर धन्य हुआ केवट ..



आज की दिन की लीला के दौरान "माटीखावन दशावतार लीला" व रात्रि में रामलीला प्रसंग में "दशरथ मरण, भरत-मिलाप जयंत पर कृपा" नामक चरित्र दिखाया जाएगा.

- वन गमन के दौरान आज होगा भरत-मिलाप.
- नरसी की भक्ति ने श्री कृष्ण को को किया भाव-विभोर.

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: 21 दिवसीय विजयदशमी महोत्सव के क्रम में 12वें दिन शनिवार को  "राम वनवास निषाद राज से भेंट व केवट संवाद" नामक प्रसंग का मंचन किया गया.

 जिसमें दिखाया गया कि मंत्री सुमंत जी श्री राम लक्ष्मण और सीता को बैठाकर वन को छोड़ने जाते हैं. मंचन के क्रम में सायं 4:30 बजे रामलीला मैदान से रथ प्रस्थान करता है. यह रथ नगर के विभिन्न मार्गो से  मॉडल थाना, रामरेखा घाट, पीपी रोड, जमुना चौक, खलासी मोहल्ला, ज्योति चौक स्टेशन रोड होते हुए कवलदह पोखरा पर पहुंचती है. इस दौरान नगरवासी रथ को जगह जगह रोककर भगवान का स्वागत करते हुए पुष्पों की वर्षा करते हैं. आरती उतारते हैं व पूजन करते हैं. भगवान का रथ कवलदह पहुंचता है. वहां निषादराज से भेंट होती है. निषादराज प्रभु की भली भांति सेवा करता है. निषादराज से श्रीराम बरगद पेड़ का दूध मंगा कर उसी से अपनी जटा बनाते हैं. यह देख मंत्री सुमंत का हृदय दुखी होता है. वह प्रभु से वन में न जाने के लिए विनती करते हैं. श्री राम मंत्री को धीरज बंधाते हैं और सीता जी को वन जाने से मना करते हैं. परंतु सीता लौटने से इंकार कर देती हैं. तब प्रभु राम सुमंत को वापस भेज देते हैं और केवट से नाव मंगाते हैं. तभी केवट और राम के बीच संवाद होता है. वह कहता है भगवान मैं आपके मरम को जानता हूं, आपके चरण रज का स्पर्श होते हीं जब पत्थर भी नारी बन गई. जब तक आपके पैर नहीं धोउंगा नाव आगे नहीं ले आऊंगा. तब भगवान की स्वीकृति पर केवट श्री राम का चरण पखारता है. "अति आनंद उमंग अनुरागा - चरण सरोज पखारन लागा".

 वहीं दूसरी तरफ प्रात:काल मंचित कृष्ण लीला के दौरान "भक्त नरसी लीला" का मंचन किया गया. जिसमें दिखाया कि मुचकुंद जी को प्रभु का वरदान मिला था. इसलिए भक्त नरसी बने नरसी जी बराबर प्रभु की भक्ति में लीन रहते थे. लेकिन उनके भाई व भाभी उनकी सत्संग भावना से कुंठित रहते थे.एक दिन नरसी जी संतों का सत्संग करके जब घर लौटे तो उनकी भाभी ने भला बुरा कहते हुए उनको भगवान का शपथ देते हुए घर से निकाल दिया. नरसी जी रोते हुए शिव मंदिर में जाकर उनको पुकारते हैं. भोलेनाथ उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें प्रभु का दर्शन कराने वृंदावन लेकर जाते हैं. भक्त नरसी भगवान का रास देखकर धन्य होते हैं. श्री कृष्ण नरसी को भक्ति प्रदान करते हैं और उनको गुज्पात में भक्ति प्रचार के लिए भेजते हैं और कहते हैं कि वहां पाखंड बढ़ गया है. इसलिए तुम वहीं कुटिया बनाकर रहो श्री कृष्ण ने अपना खड़ताल और इकतारा प्रदान करते हुए नरसी से कहा जब तुम पर कोई कष्ट पड़े तो केदारा राग गाकर मुझे पुकार लेना मैं तुम्हारी सहायता करूंगा. उक्त लीला को देख दर्शक रोमांचित हो गए. मंचन के दौरान रामलीला मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा पड़ा था.

श्री राम लीला पूजा समिति के तत्वाधान में ऐतिहासिक किला मैदान स्थित विशाल मंच पर चल रहे विजयादशमी महोत्सव के दौरान रविवार को सायं 4:30 बजे वन गमन के दौरान रामलीला मैदान से भगवान का दूसरे दिन भी रथ निकलेगा. जो पूर्व निर्धारित मार्गो से होते हुए कवलदह सरोवर पहुंचेगा.  उसके बाद सीधे रामलीला मंच पर आकर रात्रि 8:00 बजे से शेष प्रसंग का मंचन होगा. नगर  मे विभिन्न पूजा पंडालों द्वारा की गई सजावट के मद्देनजर भगवान का रथ रामलीला मंच से निकलकर मॉडल थाना होते हुए कवलदह सरोवर जाएगी. आज की दिन की लीला के दौरान "माटीखावन दशावतार लीला" व रात्रि में रामलीला प्रसंग में "दशरथ मरण भरत मिलाप जयंत पर कृपा" नामक चरित्र दिखाया जाएगा.




















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