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रोड का आश्वासन नहीं हुआ पूरा सड़क पर उतरे लोग, कहा- "नेताओं को घुसने नहीं देंगे" ..

ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी गाँवों में आवागमन के लिए सड़क नहीं है. पिछले कई दशकों से जो भी जनप्रतिनिधि हुए हैं उन्होंने केवल झूठे आश्वासनों से जनता को ठगने का कार्य किया है

- एक दर्जन गांव के लोगों ने किया विरोध कहा रोड नहीं तो घुसने नहीं देंगे.

- अनुमंडल पदाधिकारी के आश्वासन पर समाप्त हुआ धरना.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर प्रखंड के छोटका नुआंव पंचायत के गोविंदपुर गांव में तकरीबन एक दर्जन गांव के लोगों ने जो रोड बनवाएगा वही हमारा वोट पाएगा के नारों के साथ महाधरना दिया. उनका कहना है कि जगदानंद सिंह से लेकर अश्विनी चौबे तक को कई बार गांव की स्थिति बताने के बावजूद उन्होंने सड़क बनवाने पर ध्यान नहीं दिया. यहां तक कि प्रशासन द्वारा भी बताया गया कि कई सड़कें बन रही है, लेकिन अभी तक एक भी सड़क ना तो बनी और ना ही बनने का कार्य ही शुरू हुआ है. ऐसे में ग्रामीण उसी को वोट देंगे जो उन का रोड बनवाएगा. उन्होंने कहा कि वह नेताओं को गांवों में घुसने तक नहीं देंगे. धरना की सूचना पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार ने लोगों को समझा-बुझाकर धरना को खत्म कराया.

ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क से जुड़ने वाली सभी गाँवों की जनता इस मुद्दे पर एकजुट है. सुबह तकरीबन 8 बजे से शुरु होकर ग्रामीणों का प्रदर्शन दिन में 12 बजे तक चला. धरने के दौरान बच्चे, बूढ़े तथा महिलाएं भी नारे लगा रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के अभाव में गोविंदपुर, कोडरवा, पुलिया, बलुआ, बलरामपुर, कृतपुरा, लरई, नावागांव, नोनियापुर, सोवांबांध, जरीगांवा, करहँसी समेत कई गाँव विकास से कोसों दूर हैं. उन्होंने बताया कि कच्चा मार्ग होने के कारण गर्मी के दिनों में तो केवल धूल से ही सामना होता है. लेकिन बरसात के दिनों में गांव में पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है. जिसके कारण अक्सर लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं. 


ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी गाँवों में आवागमन के लिए सड़क नहीं है. पिछले कई दशकों से जो भी जनप्रतिनिधि हुए हैं उन्होंने केवल झूठे आश्वासनों से जनता को ठगने का कार्य किया है हालात यह है कि एक तरफ जहां सरकार "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का नारा दे रही है. वहीं सड़क नहीं होने की वजह से स्कूली वाहन यहाँ नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं एंबुलेंस गांव तक नहीं आ पाती. ऐसे में स्थिति यह हो जा रही है कि ना तो बेटियां पढ़ पा रही हैं ना ही वे बच पा रही हैं. एक ग्रामीण ने बताया कि उसके बेटी की शादी केवल इसलिए कट गई क्योंकि एक गांव में सड़क नहीं है.

हालांकि, अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि वह ग्रामीणों की बात उच्चाधिकारियों तक पहुंचाएंगे, जिसके बाद निर्देशानुसार आगे का कार्य किया जाएगा. एसडीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने जाम को खत्म करा दिया. 

कार्यक्रम का नेतृत्व स्थानीय निवासी नीरज राय ने किया जिसमें करहँसी के पूर्व मुखिया नाटा सिंह, अखिलेश राय, संजय राय मुन्ना, अनिल राय, देव प्रसन्न उपाध्याय, रामाश्रय पासवान, हिमांशु राय, राकेश राय, पर्वत यादव, उपेन्द्र राय, राकेश शाह, रामायण राम, बाचा राय, मुकुल रॉय, धन्नजय राय "बीरा", टंपु राय, राजेश राय,-रामाश्रय यादव, विजय पासवान, मिठु राय, सुमन राय, अमित राय, रंजीत राय, अवधेश राय, रविकांत राय समेत तकरीबन 2 हज़ार की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.











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