.. इस हालत में मिला छह दिनों से लापता युवक, बेहतर पुलिसिंग पर डीजीपी ने थानेदार को दी बधाई ..
बेसुध पड़े युवक के विषय में पूछा तो सबने अनभिज्ञता जाहिर की. अनुभवी दारोगा निशिकांत समझ गये कि युवक किसी नशाखुरानी गिरोह का शिकार बन चुका है
- मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के नावागांव का रहने वाला है युवक.
- घर से इलाहाबाद जाने के लिए ट्रेन से हुआ था रवाना, नशाखुरानी का हुआ शिकार.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार पुलिस के एक थानेदार ने अपनी बेहतर पुलिसिंग और मानवीय व्यवहार से पूरे प्रदेशवासियों का दिल जीत लिया है. इस बात की चर्चा सर्वत्र हो रही है. बिहार पुलिस के बहादुर दारोगा की इस कार्य का सराहना खुद प्रदेश के डीजीपी गुप्तेश्वर पान्डेय ने की है. उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर समूचे घटनाक्रम को लिख कर शेयर किया है.
दरअसल, मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के नावागांव निवासी पीताम्बर सिंह के पुत्र मुकेश कुमार सिंह तकरीबन 6 दिन पहले अपने किसी कार्य से बक्सर से इलाहाबाद ट्रेन के द्वारा जा रहे थे. इस बीच उनकी मुलाकात किसी अपरिचित व्यक्ति से हुई जो कि "नशाखुरानी" गिरोह का सदस्य था. किन्तु मुकेश उसको पहचान न पाये और बातों-बातों में उसने मुकेश को पूड़ी-भुजिया खिलाया और मुकेश बेसुध हो गये.
शनिवार सुबह राजधानी पटना अन्तर्गत कदमकुआं थानाध्यक्ष निशिकांत निशि अपनी इलाके की गश्ती में निकले हुए थे तभी उनकी नजर सड़क किनारे नग्न स्थिति में लावारिस पड़े एक व्यक्ति पर गई. थानाध्यक्ष ने तत्परता दिखते हुए अपनी गाड़ी खड़ा कर युवक के पास पहुँचे. आसपास की दुकानदारो से लावारिस हालत में बेसुध पड़े युवक के विषय में पूछा तो सबने अनभिज्ञता जाहिर की. अनुभवी दारोगा निशिकांत समझ गये कि युवक किसी नशाखुरानी गिरोह का शिकार बन चुका है. खबर के मुताबिक कदमकुआं थानाध्यक्ष उसे थाने ले आये और उसकी प्राथमिक उपचार के साथ भोजन इत्यादि करा कर किसी तरह युवक को होश में लाने का प्रयास किया.
इस दौरान शनिवार की शाम में जब युवक को होश आया तो उसने अपनी पता बक्सर जिला अन्तर्गत नावागांव के पीताम्बर सिंह के पुत्र मुकेश सिंह बताया. उसने पुलिस को बताया कि करीब 6 दिन पहले किसी जरूरी कार्यवश इलाहाबाद के लिए ट्रेन से निकला हुआ था इस दौरान उसकी मुलाकात एक व्यक्ति से ट्रेन में हुई और उसने उसे पूड़ी-भुजिया खिलाया, इसके बाद वह कब और कैसे यहां पहुंचे उन्हें याद नहीं. वही उसका सारा सामान तथा मोबाइल एवं पैसा भी गायब हो गया है.
कदमकुआं थानाध्यक्ष मुकेश के परिजनों से सम्पर्क साधा और घरवालों को इसकी कुशलता के बारे में बताया, जिसके बाद मुकेश के वृद्ध पिता पीताम्बर सिंह अपने दूसरे बेटे के साथ पटना पहुँचे. कदमकुआं थाने पहुँचने के बाद वृद्ध पिता जब अपने लापता पुत्र से मिले तो उनकी आँखे भर आई. वे पुत्र से मिल कर काफी भावुक हो गये. उन्होंने रुंधे गले से बिहार पुलिस के कदमकुआं थानाध्यक्ष निशिकान्त को पकड़ कर कहा "बबुआ पुलिस होखे के चाही त अइसन हम 6 दिन से आपन लापता बेटा खातिर दर दर के ठोकर खात रहनी लेकिन आज रउआ हमरा बेटा से हमके मिला देनी".
Very good it's very important news to us thanks
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