अतिक्रमण के विवाद में भिड़े दो पक्ष, सरपंच को लगी गोली..
इसी बीच बुधवार कि सुबह दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे चले तथा हत्यारों का प्रदर्शन भी किया गया. बताया जा रहा है कि इसी दौरान हुई फायरिंग में सरपंच रामजी सिंह (42 वर्ष), पिता- रामजी सिंह, घायल हो गए
- राजपुर थाना क्षेत्र के बहुआरा गांव का है मामला.
- अतिक्रमण हटवाने से खार खाए हुए थे अभियुक्त.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राजपुर थाना क्षेत्र के बहुआरा गांव में अतिक्रमण विवाद में दो पक्षों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले. इसी बीच फायरिंग हो गई तथा बताया गया कि एक पक्ष के व्यक्ति जो कि पंचायत के सरपंच भी है उन्हें गोली लग गई है. सरपंच को घायल अवस्था में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक राजपुर थाना क्षेत्र के बहुआरा गांव में अतिक्रमण के विवाद को लेकर दो पक्षों में तनातनी का माहौल कई दिनों से बना हुआ था. इसी बीच बुधवार कि सुबह दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. दोनों तरफ से जमकर लाठी-डंडे चले तथा हत्यारों का प्रदर्शन भी किया गया. बताया जा रहा है कि इसी दौरान हुई फायरिंग में सरपंच रामजी सिंह (42 वर्ष), पिता- रामजी सिंह, घायल हो गए, जिन्हें सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया है कि रहने वाले नामजद अभियुक्त मनोज सिंह, राकेश सिंह, राजू कुमार, मोती लाल खरवार, शोभ दयाल तथा शिव रंजन उर्फ छोला ने उन्हें उस वक्त घेर लिया जब वह खेतों में गए हुए थे. इस दौरान जहां अभियुक्तों ने हाथों में 3 राइफल ली हुई थी वहीं मोती लाल खरवार नामक व्यक्ति ने हाथों में देसी पिस्तौल ली हुई थी. अभी वह कुछ समझ ही पाते तभी सब उन्हें मिलकर मारने लगे. इसी बीच मोती लाल खरवार ने उन पर गोली चला दी, जो उनके पैर में जा लगी. बाद में एक अन्य अभियुक्त लल्लू सिंह भी मौके पर रायफल लेकर धमकाने पहुंचे थे. हालांकि, तब तक हंगामा होने के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को देखकर सभी अभियुक्त भाग निकले. उधर दूसरे पक्ष का बयान अभी तक प्राप्त है मामले में थानाध्यक्ष से बात करने की कोशिश की गई लेकिन, उनका एक नंबर स्विच ऑफ मिला तथा दूसरे नंबर पर फोन नहीं उठ सका.
घायल सरपंच के परिजनों ने बताया कि सरपंच ने एक आम रास्ते से अतिक्रमण हटाने के लिए आवेदन दिया था. उस आवेदन के आलोक में प्रशासन मौके पर अतिक्रमण हटाने भी गई थी लेकिन लोगों के विरोध के कारण अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका. बाद में अतिक्रमणकारियों को तीन चार दिन का समय अतिक्रमण हटाने के लिए दिया गया था. जिसके बाद से सभी अभियुक्त गण खार खाए हुए थे. इसी के कारण उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.
समाचार संकलन: रोहित ओझा
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