समय रहते नहीं हुई देखरेख, पहली ही बारिश में ध्वस्त हुआ मरीन वॉक ..
इसी बीच एक जगह से मरीन वॉक का पाया धंस गया. जिसकी मरम्मति की जगह प्रशासन के द्वारा इसे खतरनाक घोषित करते हुए उस पर दीवार उठवा कर उसे बंद करवा दिया गया. नगरवासियों ने तो उसी समय यह मान लिया था कि मरीन वॉक अब शुरू नहीं हो सकेगा.
- पाया धंसने के कारण पहले से ही खतरनाक घोषित किया जा चुका था एक हिस्सा.
- आसपास किसी के ना होने से टला बड़ा हादसा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शुक्रवार को हुई बारिश ने नगर वासियों के एक सपने को पूरी तरह से चकनाचूर कर रख दिया. दरअसल, नगर के गोला बाजार से लेकर रामरेखा घाट तक बड़े अरमानों के साथ बनाए गए मरीन वॉक का एक हिस्सा एक जगह से टूट कर पूरी तरह अलग हो गया. हालांकि, उस वक्त बारिश के कारण आसपास किसी के नहीं होने से कोई बड़ा हादसा सामने नहीं आया. मरीन वॉक टूट जाने के बाद इसके विस्तार तथा सौंदर्यीकरण की बात तो अब पूरी तरह से अधूरी रह जाने की उम्मीद है.
बता दें कि वर्ष 2009 में तकरीबन सात करोड़ की लागत से इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें गंगा के सभी घाटों को पैदल यात्रियों के लिए एक ऐसा मार्ग बनाया गया था, जहां से वह एक साथ सभी घाटों पर आ जा सके. सुबह-शाम टहलने वालों के लिए भी यह गंगा के मनोरम दृश्य को देखने और आनंदित होने का एक बेहतर प्रयास था. हालांकि, बाद के दिनों में यह मरीन वॉक अतिक्रमणकारियों का शिकार हो गया तथा असामाजिक तत्व यहाँ जमावड़ा लगाते और गंदगी फैलाते रहे. इसी बीच एक जगह से मरीन वॉक का पाया धंस गया. जिसकी मरम्मति की जगह प्रशासन के द्वारा इसे खतरनाक घोषित करते हुए उस पर दीवार उठवा कर उसे बंद करवा दिया गया. नगरवासियों ने तो उसी समय यह मान लिया था कि मरीन वॉक अब शुरू नहीं हो सकेगा. लेकिन, एक छोटी सी उम्मीद की लौ जो उन्होंने अपने दिलों में जला रखी थी वह भी शनिवार को ध्वस्त हो गई.
गंगा स्वच्छता की मुहिम चलाने वाले युवा नेता सौरभ तिवारी का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण इस तरह का नजारा सामने आया है. प्रशासनिक अधिकारियों को बक्सर के विकास से कोई मतलब नहीं है.अधिकारी चाहते तो मरीन ड्राइव को मरम्मत कर लोगों के लिए शुरू किया जा सकता था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
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