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.. तो क्या इस वजह से हुई अधिवक्ता की हत्या ! आखिरी 10 मिनट करा सकते हैं हत्यारे की पहचान, मौके से मिला जिंदा कारतूस ..

उसने अधिवक्ता के पेट पर तीन फायर किए. जिसके बाद अधिवक्ता भागने लगे. लेकिन अपराधी ने उन्हें निशाना बनाते हुए एक और गोली चला दी. जिसके बाद वह पास में ही खेतों की तरफ भागे और वहीं गिर गए. अत्याधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण उनकी तुरंत ही मृत्यु हो गई. 
अस्पताल में परिजनों से बात करती पुलिस

- अपराधी ने पहले बुलाया फिर नजदीक से मारी गोली.
- गोली मारने के बाद आराम से निकल भागे अपराधी.
- शरीर में मिले हैं 8 छेद, मौके से मिले जिंदा कारतूस और खोखे.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जगदीशपुर पंचायत के सरपंच सह अधिवक्ता चितरंजन सिंह को अपराधियों ने बक्सर न्यायालय परिसर के बाहर गोली मार हत्या कर दी. अधिवक्ता वरीय अधिवक्ता बबन ओझा के जूनियर के रूप में काम करते थे तथा उन्हीं के साथ प्रतिदिन घर निकला करते थे. हालांकि, आज ऐसा नहीं हुआ. वह अकेले ही निकले और गोलियों के शिकार हो गए. सूत्रों के मुताबिक अधिवक्ता को तकरीबन 4:10 पर एक फोन कॉल आया जिसके बाद वह तुरंत अपना सामान समेट कर हुए पिछले गेट से बाहर निकले. बताया जा रहा है कि तीन की संख्या में बाइक सवार अपराधियों में से एक उनसे आकर बातचीत करने लगा. तकरीबन 4:20 मिनट पर उसने अधिवक्ता के पेट पर तीन फायर किए. जिसके बाद अधिवक्ता भागने लगे. लेकिन अपराधी ने उन्हें निशाना बनाते हुए एक और गोली चला दी. जिसके बाद वह पास में ही खेतों की तरफ भागे और वहीं गिर गए. अत्याधिक रक्तस्राव हो जाने के कारण उनकी तुरंत ही मृत्यु हो गई. 
पोस्टमार्टम के लिए शव को ले जाती पुलिस

शरीर पर मिले हैं 8 निशान, मौके से बरामद खोखे तथा कारतूस:

इस हत्या कोजगदीशपुर की 6 बीघे की विवादित जमीन मामले से जोड़ कर देखा जा रहा है. उसी विवाद में खूँटी यादव की भी हत्या हुई थी. बताया जा रहा है कि अधिवक्ता के शरीर पर गोलियों के आठ निशान पाए गए. हैं इसलिए माना जा रहा है कि चारों गोलियां आर-पार हो गई हैं. इस घटना के बाद मौके से पुलिस को दो खोखे तथा एक जिंदा कारतूस (7.65) मिले हैं. माना जा रहा है कि आखिरी कॉल करने वाला उनका कोई परिचित ही रहा होगा. जिससे बात के बाद वह तत्काल ही कचहरी से निकल गए.

खूंटी यादव हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त थे मृतक:

मृतक खूंटी यादव हत्याकांड के मुख्य नामजद अभियुक्त थे. 18 मई 2018 को इटाढ़ी रेलवे क्रॉसिंग पर हुई बसपा के महासचिव सह जगदीशपुर पंचायत के सरपंच खूंटी यादव की हत्या का सीधा आरोप इन पर लगाया गया था. हत्या के आरोप में अधिवक्ता चितरंजन सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जहां से कुछ ही दिन पूर्व ही वह जमानत पर बाहर आए थे. 

खूँटी यादव के पुत्र के बयान पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी:

खूंटी यादव हत्या मामले में घटना के चश्मदीद गवाह खूंटी यादव के पुत्र के बयान पर छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. जिसमें चितरंजन सिंह को मुख्य अभियुक्त बताते हुए उनके अलावा कंचन कुमार सिंह, सरोज सिंह, अजय सिंह, जगमोहन सिंह तथा रामईश्वर सिंह को नामजद किया गया था. उक्त घटना के पीछे जगदीशपुर में मौजूद छह बिगहा जमीन का विवाद था. जिसमें इसके पूर्व भी कई हत्या की वारदात हो चुकी है.

पुलिस ने दिखाई तत्परता तो थमा आक्रोश:

घटना के बाद अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त था. लेकिन, मौके पर पहुंची पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा वहीं, एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सूबेदार पांडेय से बताया कि हत्यारे की पहचान कर ली गई है तथा उसे सुबह तक गिरफ्तार कर लिया जाएगा. जिसके बाद अधिवक्ताओं का आक्रोश थमा.

न्यायालय में गुरुवार को नो वर्क:
अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर ने बताया कि अधिवक्ता साथी के निधन के पश्चात सभी दुखी हैं. अतएव, गुरुवार को न्यायालय में नो वर्क रहेगा.












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