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कमीशन के फेर में जनहित ताक पर: लाखों रुपयों की लागत की सड़क बनने के साथ ही ध्वस्त ..

इस सड़क के निर्माण से आसपास के लोगों को काफी खुशी हुई थी. बताया जा रहा है कि, कई वर्षों से स्थानीय लोगों को जलजमाव के बीच से गुजर कर अपने घरों तक जाना पड़ता था. सड़क के बनने के बाद इस समस्या से मुक्ति तो मिली लेकिन शीघ्र ही लोगों की खुशी गम में बदल गई.
- गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं होने के कारण सामने आई स्थिति.
- योजना का बोर्ड भी लगाने की नहीं उठाई जहमत.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सूबे के मुखिया नितीश कुमार जहाँ राज्य के विकास के लिए तत्पर हैं वहीं, स्थानीय स्तर पर कमीशन के फेर में उनकी आकांक्षाओं पर पानी फिरता नज़र आ रहा है. इस बात की स्पष्ट तस्वीर नगर के आई.टी.आई. फील्ड के समीप स्थित जहाँ मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि के द्वारा लाखों रुपयों की लागत से बनाई गयी एक सड़क बनने के महज 15 दिनों के अंदर ही ध्वस्त हो गई है. बताया जा रहा है कि, गुणवत्तापूर्ण कार्य ना होने के कारण यह स्थिति सामने आई है.


दरअसल, पिछले कई महीनों से नारकीय स्थिति को झेल रहे लोगों को राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत इस सड़क का निर्माण कराया गया. स्थानीय निवासी डब्बू चौबे के घर से संजय पांडेय के घर तक तकरीबन 150 मीटर की दूरी में बनाई गई इस सड़क के निर्माण से आसपास के लोगों को काफी खुशी हुई थी. बताया जा रहा है कि, कई वर्षों से स्थानीय लोगों को जलजमाव के बीच से गुजर कर अपने घरों तक जाना पड़ता था. सड़क के बनने के बाद इस समस्या से मुक्ति तो मिली लेकिन शीघ्र ही लोगों की खुशी गम में बदल गई.

धांधली छिपाने के लिए नहीं लगाया है योजना का बोर्ड:

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस सड़क के निर्माण के दौरान ही घटिया स्तर की सामग्री के प्रयोग की बात सामने आई थी. जिसकी शिकायत लोगों द्वारा संवेदक से भी की गई थी. बावजूद इसके निर्माण कार्य किया जाता रहा. नतीजा यह हुआ की सड़क बनने के साथ ही ध्वस्त हो गई. दबी जुबान से यह भी कहा गया कि, जब पहले ही कमीशन दे दिया जाता है तो निर्माण की गुणवत्ता तो कम होगी ही. माना जा रहा है कि, सड़क निर्माण में हुई धांधली को छिपाने के लिए ही कार्यस्थल पर योजना संबंधित बोर्ड भी नहीं लगाया गया है.

इस संदर्भ में योजना विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन, उनके मीटिंग में होने के कारण उनका पक्ष नहीं ज्ञात हो सका.














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