बड़ों से नहीं बनी बात तो केंद्रीय विद्यालय का अस्तित्व बचाने सड़क पर उतरे बच्चे ..
छात्रों में इस बात का भी रोष था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार बार बयान देते रहे हैं कि, केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में पढ़ें या फिर पहले केंद्र सरकार 50 प्रतिशत सीट बिहार के बच्चे के लिए आरक्षित करे. परंतु वस्तुस्थिति यह है कि 98 प्रतिशत छात्रों की संख्या पहले से ही बक्सर गृह जिले की है.
- जमकर की सरकार विरोधी नारेबाजी तत्काल समस्या को खत्म करने की मांग
- छात्रों के साथ दोहरा व्यवहार करने का लगाया आरोप
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केन्द्रीय विद्यालय बक्सर के वर्तमान एवं पूर्व छात्रों ने राज्य सरकार द्वारा विद्यालय को भूमि आवंटित नहीं करने के खिलाफ बक्सर केन्द्रीय विद्यालय के समीप मेन रोड पर विरोध-प्रदर्शन किया.
छात्रों में राज्य सरकार के अधीन 17 वर्ष से मरणासन्न अवस्था में पड़े विद्यालय की जमीन की मांग को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला. छात्रों में इस बात का भी रोष था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बार बार बयान देते रहे हैं कि, केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में पढ़ें या फिर पहले केंद्र सरकार 50 प्रतिशत सीट बिहार के बच्चे के लिए आरक्षित करे. परंतु वस्तुस्थिति यह है कि 98 प्रतिशत छात्रों की संख्या पहले से ही बक्सर गृह जिले की है.
इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की. सभी एक ही मांग दुहराते रहे कि, राज्य सरकार तत्काल इस विलंबित समस्या को निपटाए और केंद्रीय विद्यालय के छात्रों के साथ दोहरा व्यवहार करना बंद करे.
पूर्व छात्र चन्दन कात्यान ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री की नियत में ही खोट लगता है क्योंकि ठीक इसी तरह की समस्या केंद्रीय विद्यालय औरंगाबाद में भी है. हालांकि, वहां स्थानीय लोगों के प्रयास से एक मठ विद्यालय को जमीन देने के लिए तैयार है, लेकिन राज्य सरकार अड़ंगा लगाकर वहां भी एनओसी नहीं दे रही है.
छात्र प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, लगता है राज्य सरकार केन्द्रीय विद्यालय पर ताला लटकाकर जिले से केन्द्रीय विद्यालय की विदाई चाहती है.
छात्रों ने कहा कि जबतक राज्य सरकार भूमि आवंटित नहीं करती हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और भविष्य में मुख्यमंत्री के आवास पर चढ़ाई करेंगे.
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व केन्द्रीय विद्यालय के पूर्व छात्र चंदन कात्यान ने किया. साथ में अनुज, सुधीर, प्रत्यूष, खालिद, शाकिब, रवि पांडेय, दीपक यादव, कृष्णा देशमुख समेत तमाम वर्तमान और पूर्व छात्र शामिल रहें.
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