जेल घाट पर बनकर तैयार हुआ पोखर, अन्य विकल्प भी मौजूद ..
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के बाद गंगा नदी में प्रतिमा विसर्जन पूरी तरह वर्जित है. पूजा समितियों को पोखरा में ही प्रतिमा विसर्जन का निर्देश दिया गया है. हालांकि, पिछली बार दुर्गा पूजा के दौरान विसर्जन को लेकर पूजा समितियों तथा प्रशासन के बीच काफी तनातनी का माहौल रहा.
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के द्वारा गंगा में प्रतिमा विसर्जन पर है रोक.
- गंगा किनारे पोखर निर्माण के साथ-साथ प्रशासन ने सुझाए अन्य विकल्प.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर में सरस्वती पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन के लिए पूजा समितियों को भटकना नहीं होगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने बेहतर तैयारी की है. जिलाधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि, प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर के सोमेश्वर स्थान के समीप जेल घाट के पीछे एक पोखर खोदवाया गया है. जहां गंगाजल भरा जा रहा है. यहां मां सरस्वती की प्रतिभाओं का विसर्जन किया जाएगा. इससे पूजा समितियों को प्रतिमाओं के विसर्जन में आसानी होगी. उधर, गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय के साथ-साथ रेडक्रॉस के सचिव व समाजसेवी डॉ. श्रवण कुमार तिवारी एवं जदयू नेता संजय सिंह गंगा घाट के समीप पहुंचे तथा उन्होंने पोखरे का निरीक्षण किया.
सनद रहे कि, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश के बाद गंगा नदी में प्रतिमा विसर्जन पूरी तरह वर्जित है. पूजा समितियों को पोखरा में ही प्रतिमा विसर्जन का निर्देश दिया गया है. हालांकि, पिछली बार दुर्गा पूजा के दौरान विसर्जन को लेकर पूजा समितियों तथा प्रशासन के बीच काफी तनातनी का माहौल रहा. लोगों द्वारा गंदे तालाबों में प्रतिमा के विसर्जन पर आपत्ति जताई गई थी. ऐसे में प्रशासन ने इस बार विसर्जन के लिए पहले से इंतजाम किया है. इसकी जानकारी देते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने बताया पूजा समितियों द्वारा सिगरहिया तालाब तथा गौरीशंकर मंदिर तालाब में विसर्जन की बात कही गई है. इसके अतिरिक्त जेल घाट के समीप एक पोखर खोदवाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उक्त पोखर में गंगाजल भरा जा रहा है. यहां भी पूजा समितियां प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकती हैं. एसडीएम ने बताया कि यहां प्रतिमाओं के विसर्जन में समितियों को आपत्ति नहीं होगी.
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