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Buxar Top News: मानव शरीर ही ईश्वर प्राप्ति साधन तथा मोक्ष का द्वार -कृष्णानन्द शास्त्री |




बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सम्पूर्ण संसार में परमात्मा द्वारा रचित मानव समाज एक महान अनुपम कृति है। मनुष्य को परमात्मा का प्रतिनिधि माना गया है। मानव शरीर को ही ईश्वर प्राप्ति का साधन तथा मोक्ष का द्वार कहा गया है। इसलिए धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारों पुरूषार्थो को प्राप्त करनेवाला मानव ही है। देव र्दुलभ मानव तन प्राप्त कर जो ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सका वह निश्चित ही अभागा एवं मति मन्द गंवार है। उक्त बातें रामरेखा घाट स्थित रामेश्वरनाथ मंदिर में चल रहे लक्ष्मीनरायण महायज्ञ में आयोजित कथा के अष्टम दिन पूर्णाहुति के पूर्व कथावाचक कृष्णानन्द शास्त्री ने कही। 
श्री शास्त्री ने कहा कि पुराणों मे मनुष्य को जीवन जीने की कला एवं परमात्मा को प्राप्त करने की सुगम सहज सरल एवं सबल विधि बताई गई है। मानव की आयु 100 वर्ष की है 25 वर्षो तक विद्या प्राप्त किया जाना, 26 से 50 वर्ष की उम्र तक गृहस्थ जीवन 51 से 75 वर्ष तक की उम्र में साधना, 76 से 100 वर्ष की उम्र में सन्यास ग्रहण करने का नियम किया गया है। पूर्व में बड़े-बड़े राजा महाराजा इस नियम का पालन कर मानवता पूर्ण जीवन जीकर स्वयं को कृतार्थ करते थे। वहीं यज्ञ की पुर्णाहुती सुबह 11.30 बजे की गई एवं कथा की पूर्णाहुति 1.30 बजे दोपहर में की गई जिसके बाद विशाल भण्डारा का आयोजन किया गया जो देर शाम तक चलता रहा इस दौरान शहर के ग्रमीण क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओ ने पहुंचकर प्रसाद ग्रहण किया।




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