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Buxar Top News: आज के परिवेश में हर घर में एक चन्द्रशेखर आजाद का जनम लेना जरुरी - डी जी गुप्तेश्वर पांडेय |




बक्सर टॉप न्यूज़, पटना: बिहार पुलिस व बिहार मिलिट्री पुलिस के महानिदेशक श्री गुप्तेश्वर पाण्डेय से बक्सर टॉप न्यूज़ के सह संपादक अमित राय से स्वतंत्रता दिवस पर आज कुछ खास बातचीत हुई, जिसमे डीजी श्री पाण्डेय ने कहा कि भारत देश की रक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति अपने प्राण के न्योछावर को तैयार रहते हैं। अमेरिका में सैनिक के शहीद होने पर संसद हिल जाती है, लेकिन यहां एक शहीद का शव घर आता है तो दूसरे बेटे को भी फौज में जाने के लिए मां-बाप तैयार कर देते हैं। वे शनिवार को बीएमपी सहित अन्य सरकारी कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए पुरखों के योगदान को को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने भारतीय नारी के बलिदान को भी याद दिलाया। साथ ही समाज के लोगों को नसीहत दी कि आज देश के रक्षा के लिए हर घर में एक चन्द्रशेखर आजाद का पैदा लेना जरुरी है। 

आगे उन्होंने ने कहा कि "जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।

डीजी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने आगे अपनी बात पूरा करते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सबकुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।

बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी। कैसे हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को दरकिनार कर सकते है। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया। और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।

हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे पूरी रात सो सकते है और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सके। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जोकि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे है। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे है। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।












1 comment:

  1. श्री गुप्तेश्वर पांडेय जी को मैं अच्छी तरह जानता हूँ, मुझे पुरी उम्मीद है कि ये लीक से हट कर जनता की सेवा को प्राथमिकता देंगे !

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