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Buxar Top News: अखबार ने माना, सही है वी.के. ग्लोबल अस्पताल के निदेशक की डिग्री, भूल वश छप गयी थी गलत खबर ..


नगर के वीके ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. वी.के सिंह की डिग्री को फर्जी बताने वाली खबर को प्रकाशित कर हडकंप मचा देने वाले अखबार दैनिक भास्कर ने शुक्रवार के अंक में सीधे तौर पर अपनी खबर को गलत बताते हुए एक और खबर निकाली है.
  • -    अंकों के हेरफेर के कारण वेबसाईट पर मिला था आयरलैंड की चिकित्सिका का नाम.
  • -    पुनः जांच करने पर पाया, वी. के. ग्लोबल के निदेशक की डिग्री है सही.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के वीके ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. वी.के सिंह की डिग्री को फर्जी बताने वाली खबर को प्रकाशित कर हडकंप मचा देने वाले अखबार दैनिक भास्कर ने शुक्रवार के अंक में सीधे तौर पर अपनी खबर को गलत बताते हुए एक और खबर निकाली है.

अपनी खबर में अखबार ने लिखा है कि अंको के हेर फेर के कारण आयरलैंड की किसी महिला का नाम मेडिकल कौंसिल के वेबसाइट पर मिला था. बाद में सही तरीके से जांच करने के बाद डिग्री सही पाईए गयी थी. हालांकि, तब तक अखबार में खबर छप चुकी थी तथा खबर छपने के बाद अस्पताल के निदेशक ने कड़ी आपति जताई थी.

डॉ.वी.के.सिंह
इस बाबत वी.के.ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ. वी.के.सिंह ने बताया कि अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद वे मानसिक तौर पर बहुत आहत हुए तथा उन्होंने अखबार के सम्पादक को पत्र लिख कर अपनी आपति दर्ज कराई थी. उन्होंने कहा कि समाचार के किसी भी माध्यम चाहे वह प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक या डिजिटल मिडिया हो सबके लिए यह आवश्यक है कि वह ख़बरों की सत्यता परख कर ही उन्हें प्रकाशित करे, ताकि जनमानस में कोइ गलत सन्देश न जाए.


उन्होंने कहा कि चिकित्सक का परम कर्तव्य मरीज की जान बचाना होता है, परन्तु कई बार ईश्वर की मर्जी के आगे वह भी बेबस हो जाता है, मगर इसका मतलब यह कतई नहीं माना जा सकता कि मरीज की मौत का जिम्मेवार चिकित्सक है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से पहले जब बक्सर में किसी भी तरह की गंभीर चिकित्सकीय सहायता के लिए लोगों को बाहर जाना पड़ता था तब उन्होंने बक्सर जैसे छोटे से शहर में विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त यह अस्पताल खोला. विगत 11 वर्षों में कितनी ही बहुमूल्य जिंदगियाँ उनके इस अस्पताल में बचाई जा चुकी हैं. ऐसे में अस्पताल के बारे में कोइ भी गलत अफ़वाह फैलाना लोगों की घृणित मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि अखबार ने भले ही अपनी गलती मान ली हो लेकिन एक गलत खबर ने उन्हें बहुत ही मानसिक आघात पहुँचाया है. 















1 comment:

  1. आजकल सही करने वाले मृत्यु के दंडी हो रहे है भैया कौन भला सही बोले और लिखे

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