Buxar Top News: आरा में आज होगा दो सरकारों का मिलन, “सरकार” की कृपा से हो सकता है कल्याण, वैश्विक पटल पर छा सकता है अपना बिहार ..
शनिवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे आरा के चंदवा में चातुर्मास यज्ञ के आयोजनकर्ता परमपूज्य जीयर स्वामी से मुलाक़ात कर अपनी सरकार के बेहतर ढंग से चलने का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे.
- 1008 हवन कुंडों में करीब 250 करोड़ की समीधाएं होंगी अग्नि को समर्पित.
- साढ़े तीन सौ करोड़ है पूरे आयोजन का अनुमानित खर्च.
- केन्द्रीय मंत्री करेंगे मुलाक़ात, प्राप्त करेंगे आशीर्वाद.
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरी की जग रही है आस.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आरा में हो रहे ऐतिहासिक चातुर्मास महायज्ञ
के लिए आरा का चंदवा पूरी तरह से तैयार है. यहाँ यज्ञ के लिए 1008 हवन कुंड बनाए
गए हैं. आयोजन समिति के लोगों ने बताया कि यह यज्ञ विश्व में एक कीर्तिमान स्थापित
करेगा. उन्होंने बताया कि 1008 हवन कुंडों में करीब 250 करोड़ की समीधाएं अग्नि को
समर्पित होंगी. बताया गया कि इस आयोजन में तकरीबन साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का खर्च आ
रहा है. अपने अनुयायियों में “सरकार” के नाम से प्रसिद्ध जीयर स्वामी जी महाराज के
आह्वान पर सभी अनुयायियों ने अपने धन भण्डार खोल दिए हैं. बताया जा रहा है कि कई
धनकुबेर “सरकार” के कृपापात्र हैं. हालांकि, यह धन कहाँ से तथा किस साधन से आ रहा
है यह दूसरा पहलू है. कहा यह भी जा रहा है कि इस आयोजन से बिहार के नाम सम्पूर्ण
विश्व में एक रिकॉर्ड बनने जा रहा है. शनिवार को यज्ञ के लिए जलभरी का कार्यक्रम
संपन्न होगा. शनिवार को ही देश के सरकार केन्द्रीय स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण
राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे का इस ऐतिहासिक यज्ञ के आयोजनकर्ता परमपूज्य जीयर
स्वामी जी “सरकार” से मुलाक़ात कर अपनी सरकार के बेहतर ढंग से चलने का आशीर्वाद
लेंगे.
यहाँ तो बात हुई यज्ञ तथा उसके आयोजन की. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है
कि क्या ऐसा भी हो सकता है कि यज्ञ के दौरान स्वामी जी “सरकार” की कृपा पाने जा
रहे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री “सरकार” से स्वास्थ्य के क्षेत्र में
कुछ की बात करंगे? बक्सर में ना जाने कितने ही लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवा तंत्रों
की बदहाल स्थिति के कारण दम तोड़ देते हैं. जिले का हर सरकारी अस्पताल लोगों को सिर्फ
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं ही दे पाता है, जिसके बाद रोगियों को पटना या बनासस
रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में सरकार चौबे जी के अनुरोध करने से “सरकार” स्वामी जी
अपने अनुयायियों को सिर्फ एक आदेश दें तो बक्सर अथवा आरा में विश्वस्तरीय सुविधाओं
से युक्त कई ऐसे अस्पताल बन जायेंगे जो कई बहुमूल्य जिंदगियों को असमय काल का
ग्रास बनाने से रोक पाने में सक्षम होंगे. बताया जा रहा है कि चातुर्मास यज्ञ में
खर्च होने वाली राशि का एक चौथाई भाग भी अगर खर्च किया जाए तो इस तरह का एक अस्पताल
बक्सर में खोला जा सकता है. हालांकि, यह देश के लिए कोइ नहीं बात नहीं है देश में
संतों के द्वारा ही चिकित्सालय चल रहे हैं. विदेशों में भी धर्माचार्य द्वारा
चिकित्सालय चल रहे हैं. बानगी के तौर पर शंकर नेत्रालय चेन्नई शंकराचार्य के
ट्रस्ट से ही संचालित होता है. चिन्मय स्वामी द्वारा अमेरिका में अस्पताल खोला गया
है. यहाँ भी मेडिकल कॉलेज खोला जा सकता है. और उसी प्रांगण में हर रोज यज्ञ करवाए
जा सकते हैं. संभवतः यह धर्म के विरुद्ध नहीं है.
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि दो सरकारों का मिलन क्या रंग लाता है? संभव
है कि मुलाक़ात भी यह मुलाक़ात भी एक विश्व रिकॉर्ड कायम करे तथा बिहार का नाम वैश्विक
पटल पर स्थापित करे.
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