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Buxar Top News: वीडियो: स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, व्यवस्था से दिखे नाराज, एक सप्ताह के भीतर स्थिति सुधारने का दिया निर्देश.


रविवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. 
  • - व्यवस्था से दिखे नाराज, एक सप्ताह के भीतर स्थिति सुधारने का दिया निर्देश.
  • - अस्पताल में की साफ़ सफाई, कहा इसे मंदिर बना कर रखे प्रबंधन.
  • - दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश. कहा - खोले जाए जन औषधि केंद्र.
  • - कर्मियों का ड्रेस कोड लागू करने के निर्देश, बाहर से दवाओं के लाने की सलाह देने वाले कर्मी पर कारवाई के दिए निर्देश.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: रविवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने जहां अस्पताल की विधि व्यवस्था का जायजा लिया वहीं उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को उन की लापरवाही हो तथा अन्य खामियों के लिए जमकर फटकार लगाई.इस दौरान सदर अनुमंडलाधिकारी गौतम कुमार, सिविल सर्जन बृज किशोर सिंह, अस्पताल प्रबंधक कुमार दुष्यंत समेत अस्पताल के सभी अधिकारी, चिकित्सक तथा कर्मचारी उपस्थित रहे.


उन्होंने अस्पताल के कर्मियों को ड्रेस कोड लागू करने,  साफ सफाई पर ध्यान देनेसमय पर आने-जाने,  दवाओं की उपलब्धता की स्थिति सुधारने, कुत्ता, बंदर, सांप काटने की दवा की उपलब्धता को दर्शाते हुए सूचना प्रदर्शित करने, अस्पताल में पोस्टर एवं बैनर नहीं लगाने जैसे निर्देश दिए इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन समेत अस्पताल के कर्मियों तथा सदर अनुमंडलाधिकारी को एक सप्ताह के समय में स्थिति को सुधरने की बात कही. 

इस दौरान सर्जन ने मंत्री को बताया कि बी ब्रान कंपनी द्वारा चलाई जा रही डायलिसिस मशीन लगभग 13 लाख रुपए के बकाया भुगतान नहीं किए जाने के कारण बंद है, वहीँ कोष की कमी के कारण अल्ट्रासाउंड और एक्सरे जैसी सुविधाएं भी बंद है. सिविल सर्जन ने यह भी स्वीकार किया कि अस्पताल में सभी प्रकार के जांच नहीं हो पा रहे हैं. इस पर मंत्री ने उन्हें प्राथमिकता के आधार पर कार्यों की सूची बना कर काम करने तथा केंद्र तथा राज्य सरकार से हर तरह की सहायता दिलवाने की बात कही. उन्होंने कहा की शीघ्र ही ये सुविधाए शुरू की जाए. मंत्री ने कहा कि जिन सुविधाओं का टेंडर खत्म हो गया है उनका री-टेंडर  किया जाए. उन्होंने सिविल सर्जन से जन औषधि योजना की दुकानें खोलने के लिए इच्छुक व्यक्ति से आवेदन लेते हुए औषधालय खुलवाने की बात कही. उन्होंने कहा कि इन औषधालयों के खुलने से जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीँ दवा के आभाव में किसी भी रोगी की मृत्यु नहीं होगी. मंत्री ने एक सप्ताह के भीतर अस्पताल की विधि व्यवस्था को सुधारने का निर्देश सिविल सर्जन तथा अन्य अधिकारियों को दिया. मंत्री ने कर्मियों को आपसी समन्वय बैठा कर जनहित के लिए कार्य करने की बात कहीं. 

साफ़ - सफाई की व्यवस्था से ख़ासा नाराज मंत्री ने कहा कि अस्पताल एक मंदिर है तथा इसे मंदिर की तरह ही साफ़-सुथरा रखने की जरूरत है. उन्होंने अपने हाथों से सीएस कक्ष की सफाई की. इसी दौरान उन्होंने कई वार्डों का निरीक्षण किया तथा रोगियों की शिकायत पर अस्पताल प्रबंधक को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने प्रबंधक को कहा कि मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं हर मरीज का अधिकार है तथा इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाए. दवा के अभाव में बाहर से दवा लाकर अपना इलाज करा रहे एक रोगी की शिकायत पर उन्होंने तत्काल सिविल सर्जन से दोषी व्यक्ति के खिलाफ शो कॉज नोटिस जारी करने की बात कही. दरअसल रोगी के परिजनों ने बताया था कि अस्पताल में दवा नहीं होने की बात कही गयी है. लेकिन जब मंत्रीं से सिविल सर्जन से पूछा तो उन्होंने इस बात से इनकार किया. यह पूछने की बात कही कि आखिर उनको निलंबित क्यों ना किया जाए? 

मंत्री के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, आईटी जिलाध्यक्ष नितिन मुकेश, वरिष्ठ नेता अमरेन्द्र पाण्डेय, समेत कई लोग भी मौके पर उपस्थित रहे. 
देखें पूरा वीडियो क्या कहा मंत्री ने: 











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