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Buxar Top News: पत्नी के साथ पकड़ा गया खुद को दूसरा दाउद मानने वाला अखिलेश, हथकड़ी पहनाने पर कर दी थी जेलर की हत्या ..

झारखंड व बिहार पुलिस के लिए कई सालों से सिरदर्द बने  अखिलेश सिंह (37 वर्ष) पुलिस ने मंगलवार की देर रात पत्नी गरिमा सिंह के साथ गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है। 
  • गुप्त सूचना पर गुरुग्राम से हुई गिरफ्तारी, पैर में लगी है गोलिया.
  • 50 से अधिक मामलों में है आरोपी, मिलता रहा है राजनितिक संरक्षण.  

बक्सर टॉप न्यूज़: झारखंड व बिहार पुलिस के लिए कई सालों से सिरदर्द बने  अखिलेश सिंह (37 वर्ष) पुलिस ने मंगलवार की देर रात पत्नी गरिमा सिंह के साथ गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी जमशेदपुर पुलिस और गुरुग्राम क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुई है। अखिलेश यहां सुशांत लोक स्थित एक फ्लैट बी-520बी में छिपा हुआ था। पुलिस को देखते ही अखिलेश गोलियां चलाने लगा.जिसके बाद पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। अखिलेश सिंह के दोनों पैर में एक-एक गोली लगी है। पुलिस हिरासत में गुरुग्राम स्थित सिविल हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा है। डॉन अखिलेश सिंह पर 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। झारखंड पुलिस ने इस पर सात लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है। अखिलेश के पिता झारखंड पुलिस से रिटायर हुए हैं और झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनपर 11 सितंबर 2017 को जमशेदपुर में गोलियां चली थीं। अखिलेश सिंह पर जमशेदपुर के जेलर की हत्या, कोर्ट कैंपस में ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या, जज आरपी रवि और पुलिस इंस्पेक्टर पर फायरिंग समेत अपहरण और रंगदारी के 50 से अधिक मामले दर्ज हैं।
 खुद को दूसरा दाऊद इब्राहीम मानता था। उसने कुख्यात अंतरराष्ट्रीय माफिया सरगना दाऊद की डी कंपनी की तर्ज पर गैंग बना ए(अखिलेश) कंपनी नाम दे रखा था। गैंग में पचास से अधिक गुर्गे हैं, जो आका के एक इशारे पर किसी की भी जान लेने में देर नहीं लगाते थे। रंगदारी नहीं देने पर सरेआम हत्या करना उसका खास तरीका था। राजनीति में भी उसका दखल था। यहां तक कि सरकार बनवाने के लिए विधायक जुटाने का ठेका भी वह लेता था।

अखिलेश को कई सालों तक राजनीतिक संरक्षण भी मिलता रहा जिसके चलते पुलिस उस पर हाथ रखने से बच रही थी। यह बात झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने बातचीत में स्वीकार भी की है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद एक साल से पुलिस उसके पीछे सक्रियता से लगी तो वह दूसरे शहरों में रूप बदलकर रहने लगा था। जुर्म की दुनिया में आकर उसने अकूत संपत्ति जुटाई। आठ माह पहले पुलिस से उसकी संपत्ति का ब्योरा जुटाया तो सामने आया कि जबलपुर, नागपुर, गुरुग्राम, नोएडा, मसूरी, देहरादून, फरीदाबाद, दिल्ली में दूसरे नाम से उसने फ्लैट तथा जमीन खरीदी। मसूरी में उसका आलीशान होटल है। पुलिस द्वारा जुटाई गई संपत्ति को आधार बना प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रहा है। बताते हैं कि उसके पास 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति तथा बैंक बैलेंस हैं। बैंकों में उसने फर्जी आइडी पर खाते खोल रखे हैं, तथा पत्नी व ससुराल वालों के नाम से खाते खुलवा कर रकम जमा कर रखी है।

हथकड़ी पहनाने वाले जेलर की हत्या कर दी थी

अखिलेश ¨सह हत्या व रंगदारी के एक मामले में वर्ष 2002 में पहली बार जमशेदपुर की साकची जेल भेजा गया था। जेलर उमाशंकर पांडेय ने उसे पहली बार हथकड़ी लगाई थी, तो उसकी हत्या कर दी थी। उमाशंकर अखिलेश के पड़ोसी गांव के रहने वाले थे। जेलर की हत्या मामले में जिस जज ने सजा सुनाई उसकी भी हत्या का प्रयास अखिलेश के गुर्गों ने किया था।

रंगदारी नहीं देने पर कारोबारी की ली थी जान

अखिलेश ने चमड़े के उत्पाद बनाने वाली जानी-मानी कंपनी श्रीलेदर के मालिक आशीष डे से 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। नहीं देने पर अपने शूटरों से आशीष की हत्या करा दी थी। इस वारदात के बाद टीएमएच के मुख्य सुरक्षा प्रबंधक जयराम ¨सह की हत्या कर दी थी। अपने विरोधी परमजीत की हत्या जमशेदपुर जेल के अंदर ही करा दी थी। किसी भी कारोबारी के रंगदारी नहीं देने पर कंपनी के सामने फाय¨रग करा डराकर रंगदारी लेता था।

कोर्ट परिसर में विरोधी की कराई थी हत्या

वर्ष 2011 में कुख्यात बदमाश अखिलेश को दिल्ली पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के नोएडा में पकड़ा गया था। सितंबर 2015 में जेल से पैरोल पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया। फरारी के दौरान ही उसने अपने विरोधी उपेंद्र ¨सह की हत्या जमशेदपुर अदालत में करा दी थी। उपेंद्र के बाद उसे उपेंद्र के समर्थक अमित से खतरा महसूस हुआ तो उसकी भी हत्या उसके सोनारी स्थित घर पर ही 6 दिसंबर 2016 को करा दी थी। अखिलेश सिंह का भाई अमलेश सिंह भी कुख्यात अपराधी है। अमलेश ¨सह पर जमशेदपुर में श्रीलेदर के मालिक आशीष डे की हत्या का आरोप है। अमलेश ¨सह को पिछले महीने ही ओडिशा के भुवनेश्वर में दबोचा गया था।

कब-कब पकड़ा गया
- पहली बार बक्सर जिला स्थित अपने गांव में घर से दबोचा गया।
-  दूसरी बार नोएडा से दबोचा गया।
-  तीसरी बार गुरुग्राम से पकड़ा गया ।

सामने आई संपत्ति
- जबलपुर में खुद को संजय ¨सह बता रजूल टाउनशिप में जमीन व फ्लैट खरीदे।
- जेपी ग्रींस नोएडा में पत्नी गरिमा व दूसरे के नाम से पांच फ्लैट खरीदे।
- मसूरी में होटल तथा फ्लैट तथा देहरादून में अजीत ¨सह के नाम से फ्लैट खरीदे।
- गुरुग्राम में जेएमडी गार्डंस में पत्नी तथा अर¨वद शर्मा के नाम से फ्लैट खरीदे।
- वाराणसी में ससुर चंदन  सिंह तथा पत्नी के नाम पर है प्रोपर्टी ।

जमशेदपुर के एसएसपी ने बताया कि अखिलेश सिंह ने अपराधिक वारदातों को अंजाम देकर नोएडा, जबलपुर, बनारस, जयपुर और हरिद्वार में काफी संपत्ति अर्जित कर रखी है। इसे जब्त करने की कार्रवाई ईडी की ओर से की जा रही है।
















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