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Buxar Top News: डाटा ऑपरेटर के मानदेय कटौती पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर, सिविल सर्जन ने पूछा आखिर क्यों 11 हज़ार के जगह 8 हज़ार देती है कंपनी?

इसके बाद ईडी ने स्वास्थ विभाग के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर अब तक हुए भुगतान की विवरण की मांग की है. जब मामले की जांच की गई तो पाया गया कि ऑपरेटरों को कम भुगतान किया जाता है.

- ग्यारह हज़ार का सरकार करती है भुगतान, मिलते हैं आठ हज़ार रुपए.
- जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत है डाटा ऑपरेटर.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के सरकारी कार्यालयों में डाटा ऑपरेटर के मानदेय की कटौती पर स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है इस मामले में कंपनी से सिविल सर्जन डॉक्टर के के सहाय ने स्पष्टीकरण की मांग की है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ऑपरेटरों को 11 हज़ार विभाग देती है, लेकिन ऑपरेटरों को केवल आठ हज़ार का भुगतान किया जाता है. 

2014 में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए संजीवनी कार्यक्रम के तहत डाटा ऑपरेटर की बहाली की गई थी. इसके बाद से ही इन ऑपरेटरों को सरकार के द्वारा 11 हज़ार का भुगतान किया जाता रहा है. लेकिन अभी तक केवल आठ हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है.

मामले का खुलासा तब हुआ जब बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की बैठक पटना में हुई इस बैठक में यह मामला उठा था. इसके बाद ईडी ने स्वास्थ विभाग के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर अब तक हुए भुगतान की विवरण की मांग की है. जब मामले की जांच की गई तो पाया गया कि ऑपरेटरों को कम भुगतान किया जाता है. इसी आधार पर सिविल सर्जन कंपनी से डाटा ऑपरेटरों के मानदेय में हो रही कटौती के संबंध में जानकारी मांगी है. डीपीएम धनंजय शर्मा ने बताया कि डाटा ऑपरेटर के वेतन भुगतान में कटौती न हो इसके लिए आधार लिंक खाता में वेतन भुगतान करने का निर्देश प्राप्त हुआ है.













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