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Buxar Top News: नंदन गांव में मुख्यमंत्री पर हमले के बाद शरद की महापंचायत में भी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, पत्रकारों को भी नहीं बख्शा, नेताओं का शर्मनाक बयान !

भीड़-भाड़ का फायदा उठाते हुए कुछ लोगों ने कई पत्रकारों के पर्स और मोबाइल पर हाथ साफ कर दिया. 

- कई पत्रकारों के मोबाइल और नगद रुपए हुए गायब, दर्ज हुई प्राथमिकी.
- नेताओं ने भी दिया शर्मनाक बयान, कहा- बात से होगी बदनामी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पिछले 12 जनवरी को बक्सर के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर हुए हमले का मामला अभी थमा भी नहीं था कि   एक बार फिर नंदन गांव एक घटना का गवाह बन गया. दरअसल पिछले 12 जनवरी को हुई घटना के विरोध में बक्सर में के नंदन गांव में शरद यादव के नेतृत्व में दलित महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसके कवरेज के लिए जिले भर के पत्रकार पहुंचे हुए थे. कार्यक्रम की समाप्ति के बाद जैसे ही पत्रकारों ने शरद यादव को घेरा और उनसे कार्यक्रम पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, इसी दौरान भीड़-भाड़ का फायदा उठाते हुए कुछ लोगों ने कई पत्रकारों के पर्स और मोबाइल पर हाथ साफ कर दिया. 

जानकारी के मुताबिक आज तक के जिला संवाददाता पुष्पेंद्र पांडेय का पर्स चोरों ने मार लिया जिसमें ₹3500/- नगद डेबिट कार्ड ₹20000/- का चेक, रेलवे के पास सहित कई आवश्यक कागजात थे. इस बीच न्यूज़ इंडिया और एबीपी न्यूज़ के जिला संवाददाता संजय उपाध्याय के मोबाइल पर भी चोरों ने हाथ साफ कर लिया वही ईटीवी संवाददाता पुष्पराज के एक सहयोगी का भी चोरों ने पर हाथ साफ कर कर लिया. इसके अलावा ज़ी मीडिया संवाददाता रवि मिश्रा का भी पाँच हज़ार दो सौ रुपए नगद पर चोरों ने हाथ साफ कर लिया. इधर बक्सर टॉप न्यूज़ के संवाददाता चंद्रकांत निराला का भी एक मोबाइल तथा कशिश न्यूज़ के जिला संवाददाता बबलू उपाध्याय के पर एक मोबाइल फोन पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया. घटना के बाद पत्रकारों में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया. आसपास में पूछताछ करने और अपने स्तर से तमाम खोजबीन के बाद जब पत्रकारों को सफलता नहीं मिली तो आखिरकार उन्होंने डुमराँव थाना पहुंचकर मामले की जानकारी पुलिस को दी और इस संबंध में पुलिस से लिखित शिकायत की. इस संबंध में जब बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद अर्जुन राय तथा सांसद अली अनवर से पत्रकारों ने अपनी व्यथा बताई तो उन्होंने शर्मनाक लहजे में इस बात को तूल नहीं देने की बात कही.
इस घटना में एक शर्मनाक पक्ष यह भी रहा कि शरद की सभा में प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे बावजूद इसके इस तरह की घटना दोबारा घटित हो जाना कहीं ना कहीं से सुरक्षा  के तमाम दावों को खोखला साबित करता नजर आ रहा है.














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