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Buxar Top News: एमडीएम घोटाले में डीपीएम समेत दो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज ..



जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय अरक से प्राप्त पंजी जिसमें छात्रों की संख्या 733 बताई गई है, पर हस्ताक्षर करना इनकी गलत मंशा को प्रदर्शित करता है. क्योंकि, यह पहले ही जांच में स्पष्ट हो चुका था कि विद्यालय में जांच के समय मात्र 369 बच्चे ही नामांकित पाए गए थे.

- अरक मध्य विद्यालय से जुड़ा हुआ है मामला
- जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के आदेश पर की गई कार्रवाई.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के अरक मध्य विद्यालय में एमडीएम में हुई अनियमितता को लेकर वहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक मदन राम को तो विभाग ने पहले ही निलंबित कर दिया है. इधर, जांच में जिला कार्यक्रम प्रबंधक मध्याह्न भोजन योजना विकास कुमार एवं प्रखंड साधनसेवी कुमार शशिकांत की भी इस अनियमितता में संलिप्त होने की पुष्टि होने के बाद शनिवार को चक्की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमेश कुमार ने कृष्णाब्रह्म थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.



 इस आशय की पुष्टि कृष्णाब्रह्म थाना प्रभारी ने की. जांच प्रतिवेदन के आलोक में जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है. जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि जिला कार्यक्रम प्रबंधक का मुख्य दायित्व एमडीएम के कार्यालय कार्य के अलावा एमआइएस इंट्री, आइवीआरएस प्रतिवेदन तथा टैबलेट बेस इंस्पेक्शन का नियमित रूप से अनुश्रवण करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम को प्रतिवेदित किया जाना है. परन्तु, जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा प्रभारी प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय अरक से प्राप्त पंजी जिसमें छात्रों की संख्या 733 बताई गई है, पर हस्ताक्षर करना इनकी गलत मंशा को प्रदर्शित करता है. क्योंकि, यह पहले ही जांच में स्पष्ट हो चुका था कि विद्यालय में जांच के समय मात्र 369 बच्चे ही नामांकित पाए गए थे. यही नहीं 369 नामांकित बच्चों वाली पंजी में एमडीएम प्रबंधक विकास कुमार के अलावा प्रखंड साधनसेवी कुमार शशिकांत, तत्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापक, जिला साधनसेवी अशोक कुमार सिन्हा, प्रखंड साधनसेवी अरविन्द कुमार सिंह आदि का भी हस्ताक्षर अंकित है। जबकि, 733 वाली पंजी पर केवल उन्हीं का हस्ताक्षर अंकित है. जांच प्रतिवेदन में लिखा गया है कि एमडीएम के अनुश्रवण के लिए चिह्नित पदाधिकारी डीपीएम विकास कुमार एवं प्रखंड साधनसेवी एमडीएम कुमार शशिकांत द्वारा अनुश्रवण में कोताही बरती गई है. अतएव इनकी संलिप्तता परिलक्षित होती है. बताते चलें कि उस दौरान वहां शिक्षकों ने भी 733 बच्चों वाली नई पंजी को नकार दिया था. जिससे विद्यालय में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और बच्चों की पढ़ाई बगैर हाजिरी के ही चल रही थी.















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