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Buxar Top News: कवि सम्मेलन में कवियों ने हास्य व्यंग्य के माध्यम कुरीतियों पर किया प्रहार ..



वीर रस के कवि विनीत चौहान ने महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहे अत्याचारों को लेकर अपनी प्रस्तुति से लोगों को आज की व्यवस्था पर सोचने को मजबूर कर दिया.  

- विश्व विख्यात सात कवियों का हुआ आगमन.
- सदर विधायक, परिवहन मंत्री, एसपी, एसडीएम ने किया उद्घाटन.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एमपी हाईस्कूल में रविवार की शाम दैनिक जागरण ने कवि सम्मेलन में हिंदी साहित्य के रत्नों ने जो लड़ियां पिरोई, उसे सुनने के लिए श्रोता बेहद उत्सुक रहे. 

कवि सम्मेलन का शुभारंभ सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी बिहार सरकार के परिवहन मंत्री संतोष निराला, आरक्षी अधीक्षक मोहम्मद अब्दुल्लाह, सदर अनुमंडलाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय तथा दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ प्रभारी कंचन किशोर ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान एसपी मोहम्मद अब्दुल्लाह डीएसपी, एसडीएम कृष्ण कुमार उपाध्याय मुख्य अतिथि के रुप मे मौजूद रहे.

कार्यक्रम की शुरुआत कवियित्री अना देहलवी ने सरस्वती वंदना के साथ की. अपने गायन से उन्होंने लोगों को जाति धर्म से ऊपर उठकर सोचने का संदेश दिया. कवि सम्मेलन के दौरान महाकवियों के पुरोधा अशोक चक्रधर की कविता पर तो जमकर वाह-वाह हुई. उन्हें सुनने के उत्सुक यहां बड़ी संख्या में लोग एमपी हाई स्कूल के प्रांगण में जुटे. वहीं, आशावादी कवि सह फिल्मों के गीतकार संतोष आनंद की तो बात ही निराली है, यह मंच से उन्होंने साबित भी किया. अपनी वृद्धावस्था को मात देते हुए उन्होंने अपने गीतों को अपने चीर-परिचित अंदाज में सुनाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए. 

वीर रस के कवि विनीत चौहान ने महिलाओं के विरुद्ध बढ़ रहे अत्याचारों को लेकर अपनी प्रस्तुति से लोगों को आज की व्यवस्था पर सोचने को मजबूर कर दिया.  हास्य-व्यंग्य के कहकहों और चुटीले अंदाज से सुनील जोगी से तो यहां के श्रोता पहले से ही परिचित थे. उन्होंने भी श्रोताओं को निराश नहीं किया और अपने नाम के अनुरूप श्रोताओं को खूब हंसाया साथ ही उन्होंने देश को बिहार की देनों सड़ भी अपनी कविता के माध्यम से अवगत कराया. बनारस के रहने वाले तथा मुंबई से आए महेश दुबे के मंच पर आते हुए उनके हर शब्द पर हंसी के फव्वारे दर्शक दीर्घा से छूटते रहे. यह पहला मौका था जब बक्सर के इस हास्य मंच पर देश के सात नामचीन कवि एक साथ अपनी फूलों की पंखुड़ियों से खुशबू बिखेरी.  बात यहीं खत्म नहीं हुई, हंसनादिनी और सुर की मल्लिका कवयित्री अन्ना देहलवी की शेरो-शायरी पूरे माहौल को रोमांचित कर दिया. वहीं, हाशिम फिरोजाबादी की शायरी पर श्रोता वाह-वाह की आवाज के साथ उनकी हौसला आफजाई करते रहे.  देर रात तक सजे साहित्य के मंच पर विराजमान कवियों को सुनने के लिए श्रोता अंत तक डटे रहे. इस दौरान कोई टस से मस नहीं हुआ. हालांकि कार्यक्रम देर से शुरू होने के कारण कुछ लोगों में निराशा देखने को मिली.















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