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Buxar Top News: सभी के प्रयासों से देश को किया जा सकता है टीबी की बीमारी से आज़ाद - डॉ. दिलशाद ।



अगर पूरी सावधानी से नियमित रूप से दवाओं का इस्तेमाल किया जाए  तो इसका इलाज संभव है. उन्होंने कहा कि अगर एक हफ्ते से अधिक खांसी हो तो टीबी टेस्ट करवाएं, बीड़ी, सिगरेट, शराब इत्यादि चीजों का सेवन न करें. 

- कार्यकर्ताओं ने टीबी के लक्षणों एवं उपचार पर हासिल की जानकारी.
– डॉ. दिलशाद आलम ने टीबी की बिमारी के प्रति किया जागरूक.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  नगर के चीनी मिल मोहल्ले में स्थित  साबित खिदमत फॉउंडेशन संस्था के बैनर तले टयूसब्र्कालोसिज पर सोमिनार तथा कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजति किया गया. इसमें सौ से भी अधिक लोगों को टयूब्र्कालोसिज के लक्षणों एवं उपचार पर जानकारी हासिल की.  डॉ. दिलशाद आलम ने लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया. तथा उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि कैसे टीबी की रोकथाम करते हुए इसके उन्मूलन किया जाए. उन्होंने कहा कि हम सभी अगर चाहे तो देश टीबी मुक्त हो सकता है. बशर्ते कि हम इस बीमारी को छिपाए नहीं बल्कि ससमय इसका नियमित इलाज कराएं.


 सीबीसीआई के जिला समन्वयक सुमंत पाल ने कहा कि टीबी माइकोबैक्टेरियम के लक्षणों से होती है और इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं हैं. अगर पूरी सावधानी से नियमित रूप से दवाओं का इस्तेमाल किया जाए  तो इसका इलाज संभव है. उन्होंने कहा कि अगर एक हफ्ते से अधिक खांसी हो तो टीबी टेस्ट करवाएं, बीड़ी, सिगरेट, शराब इत्यादि चीजों का सेवन न करें. और समय पर इसका टेस्ट करवाए अपना इलाज करवाएं. उन्होंने यह भी कहा कि टीबी को सौ प्रतिशत जड़ से खत्म किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि टीबी की मुफ्त जांच और दवाएं उपलब्ध है कार्यकर्ता उनकी पहुंच जरूरतमंद रोगियों तक कराएं इस प्रकार भारत को टीबी मुक्त देश बनाया जा सकता है. 

इस दौरान साबित खिदमत फाउंडेशन के चेयरमैन डॉक्टर दिलशाद आलम, सदस्य एवं ट्रस्टी साबित रोहतासवी, महताब आलम, विद्यासागर, संगम कुमार, मुर्शीद रजा, मनौवर आलम, हामिद रजा, शाहिद रजा समेत कई लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर कार्यक्रम को सफल बनाया.



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