Buxar Top News: बेमिसाल शख्शियत: मतलबी जमाने में निस्वार्थ जनसेवा करते हैं डॉ. कन्हैया मिश्रा.
डॉक्टर साहब आज के मतलबी जमाने मे ताज़ा हवा के झोंके की तरह हैं. जहाँ आज चिकित्सा का पेशा पूरी तरह से अर्थ आधारित हो गया है वही डॉ. कन्हैया मिश्रा अपने घर की जमा पूँजी को भी गरीबों के ईलाज ने खर्च कर देते हैं.
- बक्सर जिले के मिट्टी के लाल है डॉक्टर कन्हैया मिश्र.
- वर्षों से करते आ रहे हैं गरीबों की मुफ्त चिकित्सा.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के सोनवर्षा गाँव का एक सामान्य मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार जहाँ पर पीढ़ी दर पीढ़ी धर्म और साहित्य की गंगा बहती आ रही थी, उस परिवार के एक बालक ने जब चिकित्सा जैसे नितांत ही भिन्न क्षेत्र में कॅरियर बनाने की इच्छा जताई तो सबसे पहले पिता ने आश्चर्य व्यक्त किया. लेकिन तरुणाई की सीढ़ी पर कदम बढ़ा चुका वह बालक मानो दृढ़ लक्ष्य तय कर चुका था. चिकित्सा जैसे दुरूह पेशेवर क्षेत्र में सफल पहचान बनाने के बावजूद भी उस बालक के अंदर साहित्यिक संस्कारो का पौधा कभी मुरझा नही पाया. आज के व्यक्ति विशेष शख्सियत श्रृंखला में हम बात कर रहे हैं बक्सर के हर दिल अजीज, अनेको होनहार प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देकर सँवारने वाले और सामाजिक सरोकारों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी करने वाले चिकित्सक डॉ. कन्हैया मिश्रा की.
प्रसिद्ध साहित्यकार भोजपुरी रत्न से सम्मानित डॉ. कमला मिश्रा 'विप्र' के पौत्र और शहर के प्रसिद्ध वकील श्री घनश्याम मिश्रा के ज्येष्ठ पुत्र डॉ कन्हैया मिश्रा भले ही चिकित्सक हो लेकिन उनको करीब से जानने वाले लोगो में से एक उनके अभिन्न मित्र श्री सतीश चंद्र त्रिपाठी बताते है- "डॉ साहब आज के मतलबी जमाने मे ताज़ा हवा के झोंके की तरह हैं. जहाँ आज चिकित्सा का पेशा पूरी तरह से अर्थ आधारित हो गया है वही डॉ. कन्हैया मिश्रा अपने घर की जमा पूँजी को भी गरीबों के ईलाज ने खर्च कर देते हैं." आज भी डॉ. मिश्रा के यहाँ आने वाले मरीजो में अधिकांश लोग ऐसे होते है जो मुश्किल से अपना जीवन यापन कर पाते हैं. ऐसे लोगो का मुफ्त ईलाज करके डॉ. कन्हैया मिश्रा वर्षो से मानव सेवा का एक अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत कर रहें हैं. आध्यात्मिक प्रवृत्ति और नर सेवा डॉ कन्हैया को विरासत में मिली हैं. इनकी माँ श्रीमती रामसखी देवी हरिद्वार की प्रसिद्ध कृष्णायन देशी गौरक्षा समिति की आजीवन सदस्या है. पिता जी वकालत के पेशे में होते हुए भी गरीबों और आध्यात्मिकता के लिए सदैव समर्पित रहते थे. उन्होंने प्रसिद्ध पुस्तक श्रीमद्भागवत गीता का भोजपुरी अनुवाद भी किया था.
एक विशेष मुलाकात में डॉ. कन्हैया मिश्रा ने बताया: "मेरे पिता जी और माता जी कहते थे कि बड़ी मुश्किल से मानव का जन्म मिलता है. हम सभी को हमेशा ही लोगो की सेवा में तत्पर रहना चाहिए. किसी का सहारा बन कर उसके जीवन को संवारने का प्रयास करना चाहिए तभी यह जीवन सार्थक हो पायेगा. मैं कोशिश करता हूँ कि आज के इस मुश्किल दौर में मेरे पास आया कोई भी व्यक्ति इलाज़ के लिए परेशान ना हो। इससे मुझे आत्मसंतुष्टि मिलती है."
यही नहीं, डॉ. मिश्रा बक्सर जिले की नवोदित प्रतिभाओं जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बक्सर का नाम रौशन किया हुआ है उन्हें पुरस्कृत करके उनका हौसला भी बढ़ाते हैं. पूर्व मिसेज इंडिया श्रीमती किरण शोभा कहती हैं: "आज के इस प्रतिस्पर्धा वाले युग मे उचित प्रोत्साहन के अभाव में ना जाने कितनी ही प्रतिभाएं असमय ही लुप्त हो जाती है. ऐसे समय में बड़े भाई समान डॉ. कन्हैया मिश्रा भैया ने अनेको ही प्रतिभाओं को सम्मानित करके उन्हें और बेहतर करने के लिए सदैव प्रेरित किया है.
आज उनके जन्मदिवस पर बक्सर टॉप न्यूज़ उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता है. उम्मीद है कि एक बेहतर समाज की परिकल्पना जो डॉ. कन्हैया मिश्रा ने देखी है, वो एक दिन जरूर साकार होगी.
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