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Buxar Top News: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव, सती लीला का हुआ मंचन ..



त्यागी जी महाराज ने लोगों से रामलीला-कृष्णलीला की संस्कृति को बचाने का आह्वान किया. उन्होने सफल आयोजन के लिए समिति को धन्यवाद दिया. 
श्रीराम का मुँह मीठा कराते वैकुंठ नाथ शर्मा

- मौके पर मौजूद रहे जिले के कई पदाधिकारी व प्रबुद्ध जन, खचाखच भरा रहा किला मैदान.
- आजादी के पूर्व से मनाया जाता रहा है विजयादशमी महोत्सव.
मंच पर मौजूद कलाकार

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: स्थानीय रामलीला मैदान के विशाल मंच पर श्री रामलीला समिति द्वारा आयोजित विश्व प्रसिद्ध 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव की शुरुआत मंगलवार को वेदत ध्वनि व वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ढोल नगाड़े के गुंजन के साथ की गई.

आयोजन का विधिवत उद्घाटन लक्ष्मी नारायण मंदिर के महंत श्री श्री 1008 राजगोपाल आचार्य जी महाराज और त्यागी जी महाराज के कर कर्मों द्वारा दीप प्रज्वलन कर हनुमत पूजन व गणेश पूजन के साथ किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रामावतार पांडेय व संचालन समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा ने किया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन समिति के संयुक्त सचिव हरिशंकर गुप्ता ने किया.पूजन कराने की जिम्मेदारी प्रतिष्ठित आचार्य पंडित अरविंद तिवारी व आचार्य मनोज कुमार मिश्रा ने वेद पाठी छात्रों के साथ संभाली. वहीं यजमान के रूप में समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा ने पूजन कार्य संपन्न कराया.
उपस्थित प्रबुध्दजन

इस दौरान पूरा मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा पड़ा था. पूरा मैदान मंत्रोच्चार से गूंज उठा. इसके पश्चात गणेश पूजन से रामलीला की शुरुआत हुई. जिसमें मथुरा वृंदावन से पधारे विख्यात मंडल श्री श्यामा-श्याम रासलीला-रामलीला मंडल के स्वामी शिवदयाल शर्मा (दत्तात्रेय) के सफल निर्देशन में 21 दिवसीय महोत्सव के पहले दिन सती मोह लीला का जीवंत मंचन किया गया. जिसमें दिखाया गया कि एक सती प्रभु राम की परीक्षा लेने वन में पहुंचती है. जहां श्री राम उन्हें पहचान कर उन से भगवान शिव जी का कुशल क्षेम पूछते हैं. यह देखकर सती लज्जित हो अपनी आंखें बंद कर लेती है जहां उन्हें चारों तरफ राम लक्ष्मण सीता के प्रतिबिंब दिखाई देते हैं. लौट कर आने पर सती भोलेनाथ से यह बात छुपाती है. परंतु शिव जी अपने ध्यान साधना से परीक्षा की बात जान लेते हैं. इधर सती के पिता दक्ष यज्ञ करते हैं और भोलेनाथ को निमंत्रण नहीं देते हैं. इसे सुनकर सती बिना बुलाए वहां पहुंच जाती है और शिव जी को यज्ञ में नहीं बुलाने से दुखी हो यज्ञ कुंड में कूद जाती है. यह सुनकर शिव जी वहां वीरभद्र को भेजकर यज्ञ विध्वंस करा देते हैं.

उद्घाटन के मौके पर विशेष अतिथि के रूप में पूर्व विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप पांडेय, सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार, मुख्य रूप से उपस्थित थे. साथ ही जिले के समाजसेवी, बुद्धिजीवी, मीडिया कर्मी सहित कई राजनेता भी मुख्य रूप से उपस्थित थे. मौके पर त्यागी जी महाराज ने लोगों से रामलीला-कृष्णलीला की संस्कृति को बचाने का आह्वान किया. उन्होने सफल आयोजन के लिए समिति को धन्यवाद दिया. 

समिति के सचिव बैकुंठ नाथ शर्मा ने लोगों से प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने की अपील करते हुए बताया कि आजादी के पूर्व से यह रामलीला होती आ रही है. यह विजयादशमी पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. उन्होंने लोगों को सहयोग करने के लिए जिलावासियों का धन्यवाद भी दिया. शुभारंभ के दौरान समिति के पदाधिकारियों में राम अवतार पांडेय, बैकुंठ नाथ शर्मा, सुरेश संगम, हरिशंकर गुप्ता, चंद्र भूषण ओझा, साकेत कुमार श्रीवास्तव, उदय सर्राफ, जोखन, कृष्णा वर्मा, नारायण राय, राजकुमार गुप्ता के अलावे डॉ श्रवण कुमार तिवारी, केदारनाथ तिवारी, ओम प्रकाश भुवन, दिनेश जायसवाल, मदन दुबे, प्रदीप दुबे समेत कई लोग मौजूद रहे.




















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