Header Ads

Buxar Top News: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ चार दिवसीय महापर्व ..

पूर्वांचल समेत और देश और विदेश में छठ व्रतियों ने चार दिनों के इस महापर्व का समापन उदयगामी सूर्य को अर्घ्‍य देकर पारन के साथ पूरा किया. 
भगवान भास्कर को अर्घ्य देती व्रती

- घाटों पर उमड़ा जनसैलाब पारंपरिक गीतों छठ मय हुआ वातावरण.
- जनप्रतिनिधियों ने जनता की खुशहाली के लिए मांगा व्रतियों से आशीर्वाद.
 लोगों का अभिवादन करते सदर विधायक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सूर्योपासना का चार दिवसीय महा अनुष्ठान उदीयमान सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ ही सम्पन्न हुआ. पूर्वांचल समेत और देश और विदेश में छठ व्रतियों ने चार दिनों के इस महापर्व का समापन उदयगामी सूर्य को अर्घ्‍य देकर पारन के साथ पूरा किया. बक्सर के गंगा घाटों तथा विभिन्न पोखरों और तालाबों पर पर आस्‍था का सैलाब उमड़ पड़ा.
छठ व्रती का आशीर्वाद लेते भाजपा नेता अविरल शाश्वत

सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी तथा भाजपा नेता अविरल चौबे ने गंगा में बोट से लोगों का आशीर्वाद लिया. मोटरबोट के जरिए घाटों का जायजा लेते समय जिले की खुशहाली के लिए ‘व्रतियों' से आशीर्वाद लिया.
भगवान सूर्य के उदय होने का इंतजार करते व्रती


पूरे जिले में आस्‍था का ज्‍वार देखने को मिला. विभिन्न पूजा समितियों तथा सामाजिक संगठनों द्वारा घाट से लौट रहे व्रतियों को चाय पिलायी गयी. भगवान भास्कर को समर्पित प्रसाद खाकर छठ व्रतियों ने अपना व्रत तोड़ा. इसके साथ ही लोग घाटों से घर की ओर लौटने लगे. सूर्यदेव की उपासना और पुत्र व सुख, समृद्धि की प्राप्ति का पावन छठ महापर्व नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. दूसरे दिन खरना किया गया. मंगलवार को अस्‍ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्‍य प्रदान किया गया. वहीं बुधवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्‍य के साथ यह महापर्व संपन्‍न हुआ.
घाट से दौरा लेकर आते भाजपा नेता अविरल शाश्वत


 इसके पूर्व मंगलवार को हाथों में अखंड ज्योति कलश और पूजन सामग्री लेकर व्रती महिलाएं छठ मैया के पारम्परिक गीत गाते हुए घरों से घाटों पर पहुंची तो ये भक्ति का उमंग देखते ही बनता था.  छठ के अवसर पर समूचे पूर्वांचल में गंगा एवं अन्य नदियों तथा जलाशयों के किनारे बने घाटों पर लाखों श्रद्धालु सूर्य की उपासना के लिए जुटे. बक्सर में व्रत रखने वाले पुरुष एवं महिलाएं गंगा के घाटों पर जमा हुए और कमर तक पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य की आराधना की. छठ पूजा की सुगम व्यवस्था के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किये गये थे. अपने आराध्य देव को ‘ठेकुआ', फलों, गन्ना और नारियल के साथ ‘अर्घ्य' देने के दौरान ‘छठ व्रतियों' के परिवार के सदस्य एवं रिश्तेदार उनकी सहायता करते दिखे.
छठ घाट पर दिखा आस्था का अलग स्वरूप

 गंगा के तट पर शाम के दौरान ‘अर्घ्य' देने के लिए श्रद्धालुओं का भारी हुजूम नजर आया. कुछ इसी तरह के दृश्य अन्य जिलों में भी देखे गये. शाम का ‘अर्घ्य' पूरा होने के बाद श्रद्धालु उगते सूर्य को ‘अर्घ्य' देने के लिए बुधवार की सुबह एकबार फिर घाटों पर नजर आये. बक्सर के कई घाटों को ‘असुरक्षित' घोषित किया गया है और वहां करीब से निगरानी के लिए कई वॉच टावर और सीसीटीवी लगाये गये थे.
गंगा घाटों पर भी दिखा अलौकिक नजारा
























No comments