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दहेज के लिए पत्नी को जला कर मारने वाले फौजी समेत तीन को न्यायालय ने माना दोषी ..

शादी के बाद से ही दीपक तथा उसके घरवालों द्वारा नव विवाहिता पर 5 लाख रुपया नगद  बतौर दहेज मायके से लाने का दबाव बनाया जाने लगा 

- पाँच लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर जला दी गयी थी गुंजा.

- 15 दिसंबर को सुनाई जाएगी सभी हत्यारोपितों को सजा.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पाँच लाख रुपये दहेज की माँग को लेकर पत्नी को जलाकर हत्या के आरोपित पति, देवर तथा सास को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार दुबे की अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया है. जिसके बाद आगामी 15 दिसंबर को मामले में न्यायालय द्वारा दोषियों के विरुद्ध फैसला सुनाया जाएगा.

इस बाबत प्राप्त जानकारी के अनुसार आरा के रहने वाले विरंजन ठाकुर ने 12 फरवरी 2013 को अपनी पुत्री गुंजा की शादी मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नदांव निवासी के विन्ध्यांचल ठाकुर के पुत्र दीपक ठाकुर से की थी. दीपक फौज में नौकरी करता था. बताया जा रहा है कि शादी के बाद से ही दीपक तथा उसके घरवालों द्वारा नव विवाहिता पर 5 लाख रुपया नगद  बतौर दहेज मायके से लाने का दबाव बनाया जाने लगा. इस बात को लेकर नवविवाहिता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा था.  इसी दरम्यान 7 नवंबर 2015 को दहेज लोभियों ने नवविवाहिता गुंजा को जलाकर उसकी हत्या कर दी तथा उसकी डेढ़ वर्षीय पुत्री को लेकर फरार हो गए. मामले को लेकर स्थानीय थाने में पति दीपक ठाकुर, देवर दीपू कुमार तथा सास कमला देवी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में आरोपित पति ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था. हालांकि, सास तथा देवर को जमानत मिल गयी थी. न्यायालय द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें भी जेल भेज दिया गया.

नाना के साथ रहेगी मासूम:

मृतका को जलाकर मारने के बाद हत्यारोपी मृतका की पुत्री को भी लेकर भाग गए थे तथा अपने साथ ही रख रहे थे. न्यायालय के आदेशानुसार मृतका की मासूम पुत्री को उसके नाना विरंजन ठाकुर को सौंप दिया गया है. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर लोक अभियोजक शेषनाथ सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता चंदन प्रकाश, इंद्रमणि कुमार तथा रवि प्रसाद मौजूद थे. न्यायालय के इस फैसले के बाद मृतिका गुंजा के परिजनों के चेहरे पर संतोष के भाव दिखे.
























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