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एक बार फिर बन रही है जेल-ब्रेक की संभावना, जेल प्रशासन ने पुरुष तथा महिला के विरुद्ध थाने में दर्ज कराई शिकायत ..

उल्लेख किया है कि जेल की सुरक्षा में तैनात रक्षक को कुछ दिनों पूर्व रात्रि में तकरीबन 2 बजे हथियारबंद असामाजिक तत्वों ने जान से मारने की धमकी दी थी. साथ ही महिला ने भी कारा रक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया था

- जेल में बंद हैं पूरे बिहार के कई कुख्यात तथा नक्सली

- पूर्व में भी भाग चुके हैं कई कैदी.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केंद्रीय कारा पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है. जिसके बाद जेल प्रशासन की नींद उड़ गई है. 31 दिसंबर 2016 को जेल ब्रेक के बाद केंद्रीय कारा की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे थे. हालांकि, उसके बाद प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए विभिन्न प्रकार के सुरक्षा उपाय भी किए थे. लेकिन एक बार फिर जेल की सुरक्षा में सेंध लग रही है. जेल की जमीन पर अतिक्रमण करते हुए असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगाना शुरू कर दिया है. जिसके कारण जेल की सुरक्षा में लगे अधिकारी भी चिंतित हैं.

अतिक्रमण के मामले को लेकर बार-बार सूचित किए जाने के बावजूद अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाए जाने के बाद कारा प्रशासन ने नगर थाने में एक पुरुष तथा महिला अतिक्रमणकारी के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

जेल की जमीन पर बना दिया गया है मंदिर होता है असामाजिक तत्वों का जुटान:

काराधीक्षक ने अपने आवेदन पत्र में बताया है कि केंद्रीय कारा के उत्तरी छोर पर बने द्वार के ठीक सामने जेल की ही जमीन पर अतिक्रमण करते हुए एक मंदिर का निर्माण कर दिया गया है. धार्मिक क्रियाकलापों की आड़ में पुजारी असामाजिक तत्वों को संरक्षण देते हैं. ये लोग मंदिर परिसर में बैठकर मादक पदार्थों का सेवन कर विभिन्न संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहते हैं.

कारा रक्षक को भी मिल चुकी है जान से मारने की धमकी:

अपने पत्र में कारा अधीक्षक ने उल्लेख किया है कि जेल की सुरक्षा में तैनात रक्षक को कुछ दिनों पूर्व रात्रि में तकरीबन 2 बजे हथियारबंद असामाजिक तत्वों ने जान से मारने की धमकी दी थी. साथ ही महिला ने भी कारा रक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया था. ऐसे में अगर अतिक्रमण हटाते हुए असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो यह आने वाले दिनों में जेल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

पहले ही मिल चुका है अतिक्रमण हटाने का आदेश, टालमटोल के कारण बनी है स्थिति:

जेल सूत्रों की मानें तो जेलब्रेक की घटना के बाद अतिक्रमण को हटाने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी रमन कुमार के द्वारा निर्देश प्राप्त हो चुके थे. बावजूद इसके अब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है.

जेल में बंद है कई कुख्यात, नक्सलियों की भी है नजर:

आरा न्यायालय परिसर में बम ब्लास्ट कर चर्चा में आया कुख्यात लंबू शर्मा केंद्रीय कारा में ही बंद है. वहीं आरा का ही रहने वाला हत्यारोपी प्रमोद सिंह, नवगछिया का रहने वाला मानकेश्वर सिंह, मोती यादव, बेतिया का कुख्यात विनय शर्मा, बक्सर के अपराधियों में सोनू वर्मा, अरमान अंसारी, विशाल श्रीवास्तव, गणेश यादव, कृष्णा यादव समेत कई नक्सली भी जेल की चाहरदीवारी में कैद हैं. सूत्रों की मानें तो कई नक्सली अतिक्रमित स्थल पर बैठकर जेलब्रेक की साजिश रचते रहते हैं. ऐसे में अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया तो एक बार फिर किसी बड़ी घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
























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