अधिवक्ताओं ने उठाई आवाज, डुमराँव महाराज को मिले भारत रत्न ..
इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे श्री वर्मा अपने संबोधन में कहा कि भारत रत्न देने के लिए 22 मापदंड बनाए गए हैं जिसमें महाराजा बहादुर पूरी तरह सही बैठते हैं उनको यह सम्मान अवश्य मिलना चाहिए.
- अधिवक्ताओं ने की बैठक, कहा-नहीं भुलाया जा सकता योगदान.
- अधिवक्ताओं ने कहा समाज कल्याण में बीता है महाराजा का जीवन.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: महाराजा बहादुर कमल सिंह को भारत रत्न देने के लिए व्यवहार न्यायालय बक्सर के अधिवक्ताओं ने एक बैठक का आयोजन किया. वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पत्रकार रामेश्वर प्रसाद वर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में महाराजा बहादुर कमल सिंह को भारत रत्न से नवाजे जाने के लिए पेशकश की गई. इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे श्री वर्मा अपने संबोधन में कहा कि भारत रत्न देने के लिए 22 मापदंड बनाए गए हैं जिसमें महाराजा बहादुर पूरी तरह सही बैठते हैं उनको यह सम्मान अवश्य मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति किए गए उनके समर्पण एवं कार्यों को आज भी देखा जा सकता है. ऐसा समर्पण एवं समाज सेवा अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलती है. वहीं अधिवक्ता विष्णु दत्त द्विवेदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पहले एवं दूसरे पार्लियामेंट में बक्सर के नेतृत्व करने वाले महाराजा साहब का जीवन समाज कल्याण में लगा रहा, उनके द्वारा की गई सामाजिक कार्यों को देखा जा सकता है, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा विशेष रूप से कार्यों को संपादित किया गया. युवा जीवन से लेकर वृद्धावस्था तक वे समाज कल्याण के प्रति जागरुक रहे, जिस समय महिलाओं को शिक्षा से दूर रखा जाता था उस जमाने में बच्चियों की शिक्षा के लिए महारानी उषा रानी मध्य एवं उच्च बालिका विद्यालय की स्थापना की गई. बक्सर जिले के हजारों परिवारों की जीविका उनके द्वारा किए गए परोपकारी कार्यों पर आज भी आधारित है. इस अवसर पर पूर्व महासचिव रामनाथ ठाकुर, अधिवक्ता पंकज कुमार, विजय कुमार ओझा, उमेश कुमार, संतोष कुमार पासवान, तेज प्रताप उर्फ छोटे, रवि रंजन सिन्हा, विपिन बिहारी ठाकुर, रविंद्र कुमार रवि, शैलेश कुमार दुबे, जितेंद्र कुमार आदि कई अधिवक्ता शामिल थे.
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