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मकर संक्रांति मिलन समारोह में वक्ताओं ने कहा- "विकास की धारा हो गयी है अवरुद्ध.."

ऐसा प्रतीत होता है कि एक बार फिर वह समय आ गया है कि बक्सर के विकास की धारा जो हर क्षेत्र में रुक सी गई है उसे पुनः प्रवाहित किया जाए. बक्सर 1539,1857,1942 की तरह देश की राजनीति का सिरमौर बने

- भाजपा नेता पुनीत सिंह के संयोजन में आयोजित हुआ था कार्यक्रम

- शामिल हुए राजनीतिक तथा सामाजिक व्यक्तित्व.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सीताराम विवाह आश्रम नया बाजार में समाजसेवी सह राजनीतिक कार्यकर्ता सिद्धनाथ सिंह द्वारा मकर संक्रांति मिलन समारोह सह वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विद्यापति पांडेय एवं संचालन रंजन तिवारी ने किया. मुख्य अतिथि के रुप में राजाराम शरण दास जी महाराज, विशेष अतिथि के रूप में लोक गायक गोपाल राय, आरएसएस के पूर्व जिला संघचालक रविंद्र राय, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजवंश सिंह एवं माधुरी कुंवर, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सदस्य परशुराम चतुर्वेदी उपस्थित रहे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजा रामशरण दास महाराज ने कहा कि केवल कृषि ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी बक्सर बहुत ही उपजाऊ भूमि है. इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है. विकास की धारा एक बार फिर सब मिलकर यहां से बाहर सकते हैं. एक बार भगवान वामन के समय मां गंगा की धारा अवरूद्ध हो गई थी जिसे बक्सर तपस्या कर फिर से प्रवाहित करने का काम किया गया था. ऐसा प्रतीत होता है कि एक बार फिर वह समय आ गया है कि बक्सर के विकास की धारा जो हर क्षेत्र में रुक सी गई है उसे पुनः प्रवाहित किया जाए. बक्सर 1539,1857,1942 की तरह देश की राजनीति का सिरमौर बने. गोपाल राय ने भोजपुरी भाषा में दिए गए अपने संबोधन में कहा कि "सोना लेखा देश आपन कैसे बचाई, सुत जाला केहू खाली ओढ़ी के चटाई।" 

पूर्व जिलाध्यक्ष राजवंश सिंह ने कहा कि आज की राजनीति धन और बल की है. इस परिस्थिति में क्या राजनीतिक कार्यकर्ता राजनीति में सफल हो सकते हैं. ऐसा हो सकता है लेकिन उन्हें नरेंद्र भाई मोदी की तरह परिश्रम करना होगा. वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ शशांक शेखर ने कहा कि अगर राजनीति में कार्यकर्ताओं को सफल होना है तो स्वार्थ रहित समाज की सेवा करनी होगी. बक्सर के युवाओं में क्षमता की कमी नहीं है. बस आवश्यकता है सही दिशा में कदम बढ़ाने की. पंकज भारद्वाज ने कहा कि कलमकार क्रांति लाते हैं. यह हम नहीं लोग कहते हैं. रविंद्र राय ने कहा कि धर्म आधारित राजनीति ही समाज को सही दिशा दे सकती है. धर्म विहीन राजनीति अपने यौवन को नहीं देख पाती. धर्म से समाज सुरक्षित और संयमित रहता है.

कार्यक्रम में आगत अतिथियों को कार्यक्रम के संयोजक पुनीत सिंह ने धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन चूरा-दही भोज से कराया. मौके पर किसान मोर्चा के सुशील राय, प्रेम मिश्रा, नीरज श्रीवास्तव, धनंजय राय, राजीव सिंह, संजय राय, मिठाई सिंह, मनोज पांडेय, चुन्नू राय, रूपेश दुबे, संदीप ठाकुर, पिंटू तिवारी, संजय साह, भरत प्रधान, सुनील राम, राजाराम पांडेय, नवीन राय, सोनू राय, संजय तिवारी, मुनमुन पाठक, धीरेंद्र चौबे, वंश नारायण राय, अवधेश पाठक, सुनील ओझा, अविनाश पांडेय, मिथिलेश सिंह, नंदू पांडेय, गोविंद सिंह, धनजी पांडेय, सुनील पाठक, संतोष सिंह, पवन दूबे, अनिल तिवारी समेत कई लोग शामिल रहे. 













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