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मंगलवार से शुरु होगा रुबेला-खसरा टीकाकरण अभियान, भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रशासन ने बैठक, निकाला मशाल जुलूस ..

अभियान को लेकर विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां समाज में है जिसे दूर किए जाने की जरूरत है. साथ ही यह बताया जाने की जरूरत है यह टीकाकरण उनके बच्चों को इन जानलेवा बीमारियों से बचाने में कारगर होगा


- मीडिया से मुखातिब हुए जिलाधिकारी, कहा-टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां की जाए दूर.

- मशाल जुलुस निकाल कर दिया जागरूकता का संदेश.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सूबे को खसरा-रूबेला जैसी बीमारियों से मुक्त कराने को लेकर मंगलवार से एक विशेष अभियान चलाया जाएगा. जिसमें 9 माह से 15 साल तक के बच्चों को खसरा तथा रूबेला के टीके दिए जाएंगे. अभियान की सफलता को लेकर आयोजित एक मीडिया कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि पहले दो सप्ताह में निजी तथा सरकारी तथा धार्मिक विद्यालयों पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. तत्पश्चात अगले दो सप्ताह यह आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी चलाया जाएगा. यही नहीं मोबाइल टीम ईंट भट्ठों पर जाकर भी यह अभियान चलाएगी. उन्होंने बताया कि 200 तक की संख्या के बच्चों के विद्यालयों में एक टीम टीकाकरण का कार्य करेगी. टीम में एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी तथा एक स्वास्थ्यकर्मी शामिल होंगे. वहीं 200 से 400 तक कि संख्या पर एक कर्मी और बढ़ाया जाएगा. वहीं लक्ष्य से कम टीकाकरण होने पर पुनः टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान को लेकर विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां समाज में है जिसे दूर किए जाने की जरूरत है. साथ ही यह बताया जाने की जरूरत है यह टीकाकरण उनके बच्चों को इन जानलेवा बीमारियों से बचाने में कारगर होगा.

इन लक्षणों से की जा सकती है रोग की पहचान:

आगे जानकारी देते जिलाधिकारी ने बताया कि इस रोग में खांसी, आंख-नाक से पानी आने, हाई फीवर, शरीर पर लाल चकते जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. उन्होंने  बताया कि दुनिया भर में 30 फीसद बच्चे केवल भारत में मिजिल्स तथा रुबेला की चपेट में आकर मौत का शिकार हो रहे हैं.  उन्होंने बताया कि अगर किसी गर्भवती महिला को यह रोग हो तो उसके गर्भस्थ शिशु के भीतर जन्मजात विकलांगता अथवा उसकी मृत्यु भी हो सकती है. 

भ्रांतियां करें दूर, बेहद सुरक्षित है टीकाकरण:

उन्होंने बताया कि यह टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित है. टीकाकरण के बाद बच्चों को टीका लगाए जाने के स्थान पर दर्द अथवा सूजन हो सकता है. कुछ बच्चों में टीकाकरण के उपरांत बुखार, अथवा बड़े बच्चों में जोड़ों का दर्द भी हो सकता है. लेकिन यह एक या दो दिन में स्वत: समाप्त हो जाएगा. उन्होंने बताया कि टीकाकरण के रिएक्शन से बचने के लिए एडोलीन का डोज दिया जाता है, जो टीकाकरण टीम के पास मौजूद रहेगा. जिसे रिएक्शन के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत दिया जा सकता है. यही नहीं अगर एक दो दिन बाद भी रिएक्शन के लक्षण दिखाई देते हैं तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में एडोलीन का डोज दिलवाया जा सकता है. यही नहीं टीका देने वाली सुई भी एक बार के बाद  उसकी सुई भी लॉक हो जाती है.

भोजन के पश्चात ही देना है टीका:

उन्होंने ने बताया कि यह टीकाकरण जहाँ निजी टीकाकरण केंद्रों में 2 हज़ार रुपये में दिया जाता है वहीं सरकार के द्वारा यह निशुल्क प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह टीका बच्चों को भोजन करने के उपरांत ही देना है. साथ ही बुखार होने पर, एचआईवी पोजेटिव होने पर यह टीका नहीं दिया जा सकता है. 

स्कूलों में 243 टीमें तथा 26 मोबाइल टीमें जिले भर में करेंगी कार्य:

सिविल सर्जन के के लाल ने बताया कि निजी तथा सरकारी विद्यालयों में टीकाकरण के लिए 243 टीम काम करेंगे वहीं ईट भट्टा मैं कार्यरत मजदूरों के बच्चों को टीका देने के लिए 26 मोबाइल टीमें कार्यरत होंगी वहीं 14 फिक्स केंद्र भी होंगे जहां टीकाकरण चलाया जाता रहेगा साथ ही 74 पर्यवेक्षक पूरे अभियान की मॉनिटरिंग करेंगे.

अभिनेत्री नीतू चंद्रा तथा भरत शर्मा हैं ब्रांड एम्बेसडर:

अभियान को लेकर अभिनेत्री नीतू चंद्रा तथा प्रख्यात लोकगीत गायक भारत शर्मा को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है. जो लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करेंगे.

निकाला गया मशाल जुलूस:

अभियान को लेकर सोमवार को संध्या 6 बजे एक मशाल जुलूस नगर के वीर कुंवर सिंह चौक से निकाला गया. मशाल जुलूस का नेतृत्व अनुमंडलाधिकारी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि इस मशाल जुलूस का उद्देश्य लोगों में जन जागरूकता लाना है.  सभी कार्यक्रमों में सिविल सर्जन, प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आईसीडीएस, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, यूनिसेफ के प्रतिनिधि मौजूद रहे.












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