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निबंधन कार्यालय में मिलीभगत का "बड़ा खेल", विभाग ने दिखाई सख्ती, होगी कारवाई ..

सरकार द्वारा विकसित जमीन का मूल्यांकन प्रति डेसिमिल 3.52 लाख रूपये की दर से होता है। ऐसे भूखंडों को विकासशील जमीन दिखाकर महज 80 हज़ार रूपये डेसिमिल की दर के मूल्यांकन की दर से निबंधित करा लिया जाता है.

- कम मूल्यांकन दिखा कर सरकार को लगाया करोड़ों रुपयों का चूना.
- विभाग ने पकड़ी गलती तो 41 लोगों के विरुद्ध कारवाई के दिए निर्देश.

बक्सर टॉप न्यूज़,बक्सर : जमीन का कम मूल्यांकन करा कर जमीन क्रय करने का मामला काफी पुराना है. लोग निबंधन शुल्क की राशि में हेरफेर करने के लिहाज से जमीन का कम मूल्यांकन करा निबंधन करा लेते हैं. हालांकि, अब सरकार के द्वारा ऐसे लोगों के प्रति कड़ा रुख अख्तियार किया जा रहा है. सूबे के सहायक निबंधन महानिरीक्षक से प्राप्त निर्देशों के आलोक में कम मूल्यांकन दिखा कर जमीन  का निबंधन करा राजस्व की चोरी करने वाले लोगों के जमीन की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जिले के वैसे 41 लोगों के जमीन नीलामी की प्रक्रिया निबंधन कार्यालय द्वारा शुरु कर दी गई है. इसके लिए नीलाम पदाधिकारी को प्रतिवेदन भेजा गया है. सूत्रों की माने तो विभाग इस खेल में शामिल लोगों को चिन्हित कर रहा है, जिनके विरुद्ध बड़ी कारवाई हो सकती है.

इस बाबत मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा चिन्हित जिन 41 लोगों द्वारा जमीन की रजिस्ट्ररी के समय कम मूल्यांकन दिखा कर राजस्व की चोरी कर ली गई थी. उनके खिलाफ निबंधन विभाग द्वारा निबंधन की धारा 47(ए) के तहत सहायक निबंधन महानिरीक्षक पटना को कम मूल्यांकन दिखाने वाले सभी दस्तावेजों को अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेजा गया था. जहां से मूल्यांकन निर्धारण कर राजस्व जमा कराने का आदेश निबंधन कार्यालय द्वारा जारी किया गया था. निबंधन कार्यालय द्वारा जमीन की रजिस्ट्ररी करानेवाले लोगों को नोटिस भेजी गयी. लेकिन, बार-बार नोटिस देने के बाद भी अब तक राजस्व जमा नहीं करने की स्थिति में निबंधन कार्यालय द्वारा सूची बनाकर प्रतिवेदन नीलाम पदाधिकारी भेजी गयी. जिसके बाद अब नीलाम पदाधिकारी द्वारा पुनः सभी जमीन क्रेताओं को नोटिस भेजी जाएगी तथा बकाया राजस्व जमा नहीं करने की सूरत में जमीन नीलाम की जाएगी.


कैसे लगाया जाता है राजस्व का चूना:

बताया जाता है कि सरकार द्वारा अलग-अलग भूखंडों का अलग अलग मूल्यांकन किया गया है. जैसे सरकार द्वारा विकसित जमीन का मूल्यांकन प्रति डेसिमिल 3.52 लाख रूपये की दर से होता है। ऐसे भूखंडों को विकासशील जमीन दिखाकर महज 80 हज़ार रूपये डेसिमिल की दर के मूल्यांकन की दर से निबंधित करा लिया जाता है. इस प्रकार हर जमीन के मूल्यांकन में ही लाखों रुपयों का अंतर दिखा कर निबंधन शुल्क में भारी चूना सरकार को लगाया जाता है. सूत्रों की माने तो इस खेल में निबंधन कार्यालय के कर्मियों तथा कार्यालय के अधिकारियों की भी मिलीभगत होती है. दरअसल, निबंधन पूर्व जमीन की किस्म की जांच भी करनी होती है. लेकिन जमीन की जांच के नाम पर महज खानपूर्ति की जाती है. सूत्रों की माने तो इसके लिए जमीन के क्रेता द्वारा मोटा चढ़ावा भी चढ़ाया जाता है.

बहरहाल, निबंधन विभाग के द्वारा उठाये जा रहे इस कदम से कम मूल्यांकन के आधार पर जमीन का निबंधन कराने तथा इस काम में शामिल जिला निबंधन कार्यालय के अधिकारियों व कर्मियों के बीच हड़कंप मच गया है.

इस बाबत अवर निबंधन पदाधिकारी डॉ. यशपाल ने बताया कि विभाग से प्राप्त निर्देशों के आलोक में नीलाम पदाधिकारी को 41 लोगों की सूची अग्रेतर कारवाई के लिए भेजी गयी है.










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