सात समंदर पार से अपनों के बीच पहुँचे लोगों का हुआ भव्य स्वागत ..
दक्षिण अफ्रीका से आए इस विद्यालय के संस्थापक डॉ. राज राम किशन ने कहीं. विद्यालय का उद्घाटन विद्यालय के संस्थापक डॉ. राज राम किशन और उनकी पत्नी बिना सहित कई अन्य लोगों ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया
- दक्षिण अफ्रीका इंग्लैंड सहित 60 देशों से पहुंचे थे लोग
- ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पूर्वजों की जमीन पर कदम पड़ते ही मन खुशी से झूम उठा. हमारा उद्देश्य है कि हमारे पूर्वजों के गांव के बच्चे पढ़ लिख कर इस देश का नाम तरक्की करें. इसी उद्देश्य से पूर्वजों की जमीन पर विद्यालय का निर्माण कराया गया है. राजपुर प्रखंड के बन्नी गांव स्थित शिवचंद मेमोरियल स्कूल के वार्षिक समारोह के अवसर पर शुक्रवार को ग्रामीणों को संबोधित करते हुए दक्षिण अफ्रीका से आए इस विद्यालय के संस्थापक डॉ. राज राम किशन ने कहीं. विद्यालय का उद्घाटन विद्यालय के संस्थापक डॉ. राज राम किशन और उनकी पत्नी बिना सहित कई अन्य लोगों ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया. समारोह को संबोधित करते हुए डॉक्टर किशन ने कहा कि हमें पूर्वजों के गांव से काफी लगाव है, इस गांव का कोई भी व्यक्ति जमीन दान करके इस विद्यालय में स्कूल नहीं बनाया था. लेकिन वर्षों पूर्व हमारे पूर्वज यहां से विदेश में रोजी-रोटी की तलाश में गए थे जहां से वापस लौटने के बाद इस गांव की बदहाली को देखकर गांव में शिक्षा की लौ जलाने का काम किया था .लेकिन कुछ ही दिनों के बाद लौ बुझ गया था. लेकिन अपनी मातृभूमि से दूर रहते हुए भी हमने इस गांव इस राज्य इस देश का नाम रौशन करने के लिए इस गांव में उनकी याद में हमने स्कूल बनवाया.
ढाई सौ बच्चे करते हैं पढ़ाई:
बन्नी गांव के रहने वाले शिवचंद की याद में विद्यालय का निर्माण कराया गया है जो वर्ष 2014 में पूर्ण रूप से संचालित हो गया. जिस विद्यालय में अभी वर्तमान में ढाई सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. विद्यालय में विदेश के रुपए से करोड़ों रुपए की चकाचक बिल्डिंग के साथ इस में पुस्तकालय, कंप्यूटर सहित अन्य सामानों से सुसज्जित विद्यालय हैं. इस विद्यालय में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इस वार्षिक समारोह के अवसर पर इन विदेशी मेहमानों के द्वारा इस बार पुस्तकालय और कंप्यूटर लैब का उद्घाटन भी किया गया. फिलहाल इस विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई हो रही है. इस विद्यालय के संस्थापक डॉ राज राम किशन ने कहा कि भले ही हम इंग्लैंड में डॉक्टरी करते हैं लेकिन भारत की भूमि से हमें आज भी काफी गहरा लगाव है. यही कारण है कि हम विदेश में रहते हुए भी भारत को हमेशा अपने दिल में रखते हैं. यही चाहत हमें खींचकर यहाँ लाती है. ज्ञानदान दुनिया में सबसे बड़ा दान होता है, पूजा मत करो लेकिन पढ़ाई जरूर करो, देश की तरक्की के लिए और विकास के लिए पढ़ाई सबसे जरूरी होती है. इस गांव में विद्यालय खोलने का मुख्य उद्देश्य यही था कि आगे आने वाले दिनों में यहां के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बन कर देश का नाम रोशन करें. हर इंसान को अपनी कमाई का एक हिस्सा शिक्षा के प्रति दान करना चाहिए तभी देश गांव और समाज का विकास हो सकता है. इस स्कूल को खोलने में जमीन दाता मोतीलाल सिंह का सबसे महत्वपूर्ण योगदान है. इन्ही के बदौलत हम हर बार भारत आते हैं.
कई देशों से 60 लोग पहुँचे थे लोग:
विद्यालय के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड सहित कुल अन्य देशों से लगभग 60 लोग बन्नी गांव पहुंचे थे. इनमें इंग्लैंड से इस परिवार के डॉक्टर संजीव कुमावत जो न्यूरो के डॉक्टर हैं, डॉक्टर विशाल कॉमथ और हिमानी रामकिसुन है. सैनियर रामकिसुन, माला रामकिसुन, अर्चना नागासर, शिवेन नागासर, रोहन सिंह, रॉय रामकिसन, यशोदा रामकिसन,डॉ विसेन रामकिसन, वासुदेव रामकिसन, कमला रामखेलावन, क्रिशू शिव प्रसाद,अनिता शिव प्रसाद, आसा मावला सहित 60 लोग. दक्षिण अफ्रीका व इंग्लैंड से आए लोगों के चेहरे पर अपने पूर्वजों के गांव आने की खुशी झलक रही थी.
अपनों को देखने उमड़े ग्रामीण, हुआ भाव:
विदेश से पहुंच अपने लोगों को देखने के लिए क्षेत्र के मधुबनी , छतवना, पर्वतचक , ददुरा, मोहरिहा, हरपुर, ईस्माइलपुर, खानपुर, तियरा, अकोढ़ी, मनोहरपुर, भरखरा, रघुनाथपुर, ताजपुर, धोबही सहित अन्य दर्जनों गांव के बच्चे बूढ़े सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे. इन विदेशी मेहमानों के आगमन होते ही बक्सर कोचस मुख्य पथ स्थित बघेल मोड़ प्रवेश द्वार से लेकर बन्नी गांव तक लगभग 7 किलोमीटर की दूरी में खड़े ग्रामीणों के द्वारा इनका फूल मालाओं के साथ जगह जगह पर भव्य स्वागत किया गया. आगे आगे घुड़सवार दस्ता और मोटरसाइकिल सवारों का काफिला चल रहा था. कार्यक्रम स्थल पर विद्यालय की छात्राओं ने विदेशी मेहमानों के आगमन पर स्वागत गीत प्रस्तुत कर इन का मन मोह लिया.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय सिंह, सुदामा प्रसाद, मनोज कुशवाहा, अशोक सिंह ,पूर्व मुखिया मकरध्वज सिंह विद्रोही, मीर बिस्मिल्ला, गायक अमित अनुराग, गया यादव, जय प्रकाश सिंह रंजीता कुमारी, प्रीति कुमारी सहित अन्य लोगों का सराहनीय योगदान रहा.
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