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एक कक्षा में है 60 से अधिक बच्चे, फीस है मनमानी, अभिभावक आंदोलनरत ..

यही नहीं प्रतिवर्ष नामांकन शुल्क भी नहीं लेना है. परन्तु, डीएवी स्कूल सरकार के इस कानून को नहीं मान रहा है और तो और अभिभावक जब प्राचार्य से मिलकर इसकी शिकायत करते हैं तो प्राचार्य द्वारा बच्चे को विद्यालय से वापस लेने की बात की जाती है

- डीएवी स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ दूसरे दिन भी जारी रहा अभिभावकों का आंदोलन.

- पहले दिन किया प्रदर्शन, दूसरे दिन चलाया हस्ताक्षर अभियान.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: निजी स्कूलों के मनमाना फीस वृद्धि पर रोक नहीं लग रही है. डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा असंवैधानिक रूप से प्रतिवर्ष शुल्क बढ़ाया जा रहा है. कभी बस भाड़े के रूप में तो कभी वार्षिक नामांकन के रूप में. कभी परीक्षा शुल्क तो कभी वार्षिक विद्यालय शुल्क के रूप में यहां प्रतिवर्ष 150 से 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है. यह कहना है अभिभावकों का, जिन्होंने शुक्रवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन कर आक्रोश जताया वहीं शनिवार को हस्ताक्षर अभियान चलाकर आंदोलन को गति दी साथ ही जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन किया और उन्हें इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन का नेतृत्व छात्र नेता प्रभाकर ओझा एवं गिटटू तिवारी ने किया.

इस दौरान जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन में इन लोगों ने लिखा है कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा पारित अधिसूचनाओं में कहा गया है कि निजी स्कूल में 7 से 10 फीसद ही ट्यूशन फीस बढ़ाई जा सकती है. यही नहीं प्रतिवर्ष नामांकन शुल्क भी नहीं लेना है. परन्तु, डीएवी स्कूल सरकार के इस कानून को नहीं मान रहा है और तो और अभिभावक जब प्राचार्य से मिलकर इसकी शिकायत करते हैं तो प्राचार्य द्वारा बच्चे को विद्यालय से वापस लेने की बात की जाती है. ज्ञापन में अभिभावकों ने लिखा है कि विद्यालय में कक्षावार बच्चों की संख्या भी राज्य सरकार के मानक से अधिक है. एक कक्षा में 45 से 60 बच्चे एक साथ बैठाए जाते हैं. इनका कहना है कि विद्यालय में कंप्यूटर कक्षा का शुल्क लिया जाता है और कक्षा का संचालन प्रापर वे में होता है. यही नहीं, ग्रीष्मावकाश में भी बच्चों से टयूशन फीस ली जा रही है. इन लोगों ने जिलाधिकारी से शुल्क कम कराने की मांग करते हुए यह दावा भी किया है कि इसी विद्यालय के आरा एवं गया आदि संस्थानों में विद्यालय का शुल्क नहीं बढ़ाया गया है.
















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