फ़जीहत की रचनाओं को सुन अपने गम भूले जेल के बंदी ..
बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कैदियों के बीच आपसी सद्भावना एवं प्रेम बढ़ाए जाने के साथ-साथ जेल से छूटने के बाद समाज के मुख्यधारा में जुड़ने के लिए प्रेरित करना था.
- साबित खिदमत फाउंडेशन ने जेल अस्पताल में दान की जीवनरक्षक दवाएं.
- शायरों के साथ साथ डॉ वीके सिंह ने भी सुनाए तराने.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "बना ल अपन जिनगी ए कैदी भाई, रहिया निहारे ले बाबु आ माई .." कैदियों को अपने आचरण को बेहतर बनाने की गुजारिश के साथ प्रसिद्ध शायर साबित रोहतासवी द्वारा गायी जा रही यह पंक्तियां जब केंद्रीय कारा में बंद कैदियों ने सुनी तो उनकी आंखें डबडबा गई. मौका था साबित खिदमत फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित कैदियों के नाम एक पैगाम नामक कार्यक्रम का.
यह आयोजन केंद्रीय कारा के भीतर बने बहुउद्देशीय हॉल में किया गया था. कार्यक्रम में जेल के कैदियों ने देशभर के जाने-माने कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत रचनाओं को सुना और जिंदगी के गमों को दूर करने की कोशिश की. कार्यक्रम में देश के जाने-माने कवि, शायर व गजलकार शामिल हुए. जिसमें बनारस की पूनम श्रीवास्तव, गहमर से फ़जीहत गहमरी, बनारस से शकुन बनारसी बक्सर से साबित रोहतासवी शामिल हुए. इस दौरान जेल अस्पताल में तकरीबन 10 हज़ार रुपयों की आवश्यक जीवनरक्षक दवाओं का भी वितरण फाउंडेशन के द्वारा किया गया.
कार्यक्रम में आजमगढ़ से पहुंचे अहमद आज़मी ने जहां कैदियों को अमन व एकता का संदेश दिया वहीं, पूनम श्रीवास्तव ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को जिंदगी के गम भुलाने की बात कही. प्रसिद्ध हास्य कलाकार फजीहत गहमरी अपनी रचनाओं को सुना कर कैदियों समेत उपस्थित सभी लोगों को ठहाके लगाकर हंसने पर मजबूर कर दिया. शकुन बनारसी ने भी अपनी रचनाओं को सुना कर कैदियों के बीच देश प्रेम व सद्भाव का संदेश संचारित किया. वहीं डी के ग्लोबल अस्पताल के निदेशक डॉ वीके सिंह ने किशोर कुमार के तराने सुना कर कैदियों को झूमने पर मजबूर कर दिया. इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन जेल अधीक्षक वीके अरोड़ा जेलर सतीश कुमार सिंह एवं जेल में बंद वयोवृद्ध कैदियों ने किया. मौके पर प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी, प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर, समाजसेवी गजेंद्र ठाकुर, साबित खिदमत फाउंडेशन के डॉ. दिलशाद आलम, समाजसेविका लता श्रीवास्तव, हामिद रजा खान समेत कई लोग मौजूद रहे.
कार्यक्रम के आयोजक श्री रोहतासवी ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्देश्य कैदियों के बीच आपसी सद्भावना एवं प्रेम बढ़ाए जाने के साथ-साथ जेल से छूटने के बाद समाज के मुख्यधारा में जुड़ने के लिए प्रेरित करना था. उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन की सहमति के बाद यह प्रयास किया जाएगा कि नियमित रूप से जेल में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहे. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन के लिए दहिवर के समाजसेवी गजेंद्र ठाकुर का सहयोग मिला है.
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