चौबे खुलेआम उड़ा रहे आचार संहिता की धज्जियां, प्रशासन मेहरबान : अनिल कुमार
राबड़ी देवी सिर्फ लालू प्रसाद यादव की पत्नी नहीं, बल्कि प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. ऐसे में उनपर विवादित टिप्पणी करना बिहार की महिलाओं का अपमान है
- पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर टिप्पणी महिलाओं का है अपमान.
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिख दंडित करने का करेंगे अनुरोध.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे खुलेआम आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं. आश्चर्य तो तब हो रहा है जब अधिकारी भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लेते हैं. ये बातें जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने बक्सर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि लगभग एक महीने से पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लगी हुई है. बावजूद इसके रात के 2 बजे इटाढ़ी प्रखंड अंतर्गत नारायणपुर पंचायत के कई गांवो में सांसद निधि से सोलर लैंप लगाया जा रहा है. संसदीय कोष से रात के 2 बजे के अंधेरे में सोलर लैंप लगाना आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन हैं. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में राज्य और मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिख कर अश्विनी चौबे के साथ साथ शासन-प्रशासन को भी दंडित करने का अनुरोध करेंगे.
दूसरी तरफ अश्विनी चौबे द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को लेकर दिए विवादित बयान को लेकर उन्होंने कहा कि अश्विनी चौबे और गिरिराज सिंह जैसे लोगों का कोई वजूद नहीं है. इसलिए वे अर्नगल प्रलाप करते रहते हैं. राबड़ी देवी सिर्फ लालू प्रसाद यादव की पत्नी नहीं, बल्कि प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. ऐसे में उनपर विवादित टिप्पणी करना बिहार की महिलाओं का अपमान है. आखिर ये बतायें कि उनके बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे का मतलब क्या है.
अनिल कुमार ने कहा कि महिलाओं का अपमान करना भाजपा के लोगों के संस्कार में है. सही वजह है कि वे महिलाओं को दोयम दर्जे का समझते हैं और उनपर टीका टिप्पणी करने से पहले सोचते भी नहीं है. शायद यही वजह है कि आज अश्विनी चौबे अपने पांच सालों में बक्सर में एक भी गर्ल्स कॉलेज नहीं बनवा सकें, क्योंकि ये लोग नहीं चाहते हैं कि हमारी बेटियां पढ़ लिख कर आगे बढ़ें. इसलिए जनता ऐसे लोगों को इस बार चुनाव में हराने का काम करेगी.
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