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Buxar Top News: महज 10 रुपए में रेलवे स्टेशन परिसर में मिल जाती है अतिक्रमण की खुली छूट.

ठेलों खोमचों से दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है. रही सही कसर स्टेशन के बाहर बेतरतीब ढंग से खड़ी ऑटो पूरी कर देते हैं.

- हर मौसम, हर वक्त रहता है एक सा नज़ारा.
- अतिक्रमण के कारण छूट जाती है यात्रियों की ट्रेनें.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: दानापुर मुगलसराय रेलखंड के बीच पड़ने वाले बक्सर रेलवे स्टेशन और उसके आसपास का इलाका अतिक्रमण की ऐसी बीमारी से जूझ रहा है जिसका नहीं दिख रहा. समय कोई भी हो, मौसम कोई भी हो लेकिन अतिक्रमण का नजारा हर वक्त एक समान ही रहता है. 

बताया जाता है कि रेलवे स्टेशन के बाहर अतिक्रमणकर्ताओं को आरपीएफ एवं जीआरपी का संरक्षण मिला हुआ है. यहां लगने वाले ठेलों खोमचों से दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है. रही सही कसर स्टेशन के बाहर बेतरतीब ढंग से खड़ी ऑटो पूरी कर देते हैं. यही नहीं रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में चलने वाले बक्सर-बलिया जीप स्टैंड में भी दिन भर  जीप एवं कारों का जमावड़ा लगा रहता है. अतिक्रमणकारियों का कहना है कि आरपीएफ और जीआरपी  द्वारा ऑटो ,जीप, कारों तथा ठेले एवं खोमचे वालों से अवैध वसूली की जाती है. ऑटो, कार एवं जीप  से जहां यह राशि  प्रति  ट्रिप के आधार पर ली जाती है. वही ठेला खोमचे वालों से प्रतिदिन के हिसाब से यह राशि ली जाती है. जिसके बाद उन्हें रेलवे स्टेशन के बाहरी परिसर में अतिक्रमण की खुली छूट दे दी जाती है. बताया जाता है कि  वाहनों से जहां 10 रुपए से 30 रुपए तक  प्रति दिन के हिसाब से ली जाती है वही  ठेला खोमचा एवं शीतल पर बेचने वालों से यह राशि डेढ़ सौ से 500 रुपए प्रतिदिन  के हिसाब से ली जाती है. आम दिनों में रेलवे स्टेशन का बाहरी परिसर पूरी तरह से मीना बाजार में तब्दील नजर आता है, जहां सिगरेट, पान मसाला, चाय-पकौड़े से लेकर  विभिन्न तरह की की दुकाने सजी रहती हैं. मजे की बात तो यह है कि किसी भी अप्रिय घटना अथवा गतिविधि पर जिस इलाके को रेलवे नगर थाना क्षेत्र का इलाका बता कर अपना पल्ला झाड़ लेती है. उस इलाके में भी बने अस्थाई अतिक्रमण के एवज में जीआरपी एवं आरपीएफ द्वारा वसूली की जाती है. 

 यहाँ गंदगी व्यापक स्तर पर है. स्टेशन पर सुविधाएं और साफ-सफाई के तमाम दावे किये जाते हैं. लेकिन अधिकारियों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली के चलते यहां सी ग्रेड जैसी सुविधाएं हैं स्टेशन परिसर के बाहर गंदगी भरी पड़ी है.

रेलवे स्टेशन के बाहर जीप स्टैंड में यात्री सुविधाओं के ख्याल से बनाए गए मूत्रालय का अब नामोनिशान तक नहीं दिखता. स्थानीय सूत्र बताते हैं कि कुछ दिनों पूर्व तक नजर आने वाले मूत्रालय को कुछ बाहरी असामाजिक तत्वों ने तोड़कर जमींदोज कर दिया. नतीजा यह हुआ कि अब लोग सड़क का ही इस्तेमाल मूत्रालय के रुप में करते नज़र आते हैं.

बाहरी परिसर में बने साइकिल एवं बाइक स्टैंड संचालक ने भी ज्यादा कमाई के लालच में निर्धारित से अधिक जमीन का अतिक्रमण कर लिया है. जिससे स्टैंड में लगने वाली गाड़ियां सड़क पर भी लगी नजर आती है और स्टेशन पर पहुंचने वाला रास्ता संकीर्ण हो जाता है. 

रेलवे स्टेशन परिसर का वास्तविक एवं अतिक्रमण मुक्त स्वरूप तब देखने को मिलता है जब रेलवे के किसी बड़े अधिकारी का आगमन बक्सर रेलवे स्टेशन पर होता है. उस समय रेलवे स्टेशन परिसर पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त एवं चकाचक दिखता है. लेकिन आम दिनों में स्थिति यह होती है, कि स्टेशन पर ट्रेन पकड़ना यात्री के लिए जंग जीतने जैसा होता है. अतिक्रमण के कारण कई बार यात्रियों की ट्रेनें छूट भी जाती हैं.

मामले में स्टेशन प्रबंधक स्टेशन राजन कुमार ने बताया कि बक्सर रेलवे स्टेशन पर व्याप्त हर प्रकार के समस्याओं को दूर करते हुए यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रयास में वह लगे हुए हैं तथा शीघ्र ही स्टेशन परिसर में अतिक्रमण से लेकर साफ-सफाई तक की हर प्रकार की कमियों को दूर करने के लिए गंभीरता पूर्वक आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.















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