फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की हुई शुरुआत, 14 दिनों तक चलेगा अभियान ..
कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाता है. इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. उन्होंने बताया लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें.
दवा के सेवन के बाद हाथों पर मार्किंग करवाती सिविल सर्जन |
-18 लाख लोगों से अधिक लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य.
- कुल 1474 आशाएँ घर-घर जाकर लोगों को खिलाएंगी दवा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला सहित अन्य प्रखंडों में बुधवार से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम(एमडीए) की शुरुआत की गयी. इस अवसर पर जिला सदर अस्पताल में जिला सिविल सर्जन के साथ अन्य जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने फाइलेरिया की दवा सेवन कर कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत की.
इस अवसर पर जिला सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण वर्मा ने बताया फाइलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में अगले 14 दिनों तक सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए आशा घर-घर जाकर 2 साल से अधिक उम्र के लोगों को अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलाएंगी. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है. कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाता है. इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है. उन्होंने बताया लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें. उन्होंने बताया 2 साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रोग से ग्रसित एवं गर्भवती महिला को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी.
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार राजीव रंजन ने बताया कि अभियान के कुशल क्रियान्वयन के लिए दो आशाओं की एक टीम बनाई गयी है. जिसमें कुल 1474 आशाओं के साथ 1636 ड्रग एड्मिनिस्ट्रेटरों की नियुक्ति की गयी है. आशाओं के कार्यों के पर्यवेक्षण के लिए कुल 83 आशा पर्यवेक्षकों की तैनाती की गयी है. साथ ही कुल 82 ड्रूग सुपरवाइजरों को अभियान के बेहतर अनुश्रवण की ज़िम्मेदारी दी गयी है.
ऐसे खानी है दवा:
इस अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियाँ लोगों की दी जाएगी. 2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी. एलबेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है.
जन-जागरूकता पर बल :
अभियान के विषय में जन-जागरूकता बढ़ाने में जीविका, पंचायती राज विभाग एवं शिक्षा विभाग के साथ पीसीआई की अहम भूमिका होगी. जिले के सभी स्कूलों में अभियान को लेकर प्रभात फेरी के साथ प्रार्थना सभा में इसके विषय में बच्चों को जागरूक किया जायेगा. जिले में गठित स्वयं सहायता समूहों में जीविका कार्यकर्ता अभियान के दौरान फाइलेरिया दवा के बारे में लोगों को अवगत कराएंगी. साथ ही यह सुनश्चित कराएंगी कि अभियान में दवा का सेवन शत-प्रतिशत हो.
क्या है फाइलेरिया:
इसे हाथीपाँव रोग के नाम से भी जाना जाता है. बुखार का आना, शरीर पर लाल धब्बे या दाग का होना एवं शरीर के अंगों में सूजन का आना फाइलेरिया की शुरूआती लक्ष्ण होते हैं. यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लसिका (लिम्फैटिक) प्रणाली को नुकसान पहुँचाता है. फाइलेरिया से जुडी विकलांगता जैसे लिंफोइडिमा( पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील(अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण पीड़ित लोगों को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है.
कार्यक्रम मे अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.कमल किशोर राय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्वास्थ्य ) जावेद आबेदी, पीसीआई जिला संयोजक प्रशांत गौतम, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सेलेन्द्र और अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे.
Post a Comment