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बड़ी खबर: आशिक के साथ मिलकर पति की हत्या कराने वाली पत्नी को आजीवन कारावास ..

न्यायालय ने कहा है कि जुर्माने की सभी राशि सरकारी खजाने में जमा कराया जाएगा. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 6 वर्षों का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.


- जुर्माना नहीं भरने पर भुगतनी होगी अतिरिक्त सजा.
- त्वरित न्यायालय द्वितीय द्वारा सुनाया गया फ़ैसला.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: वर्ष 2017 में हुई हत्या के एक मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए त्वरित न्यायालय द्वितीय वीरेंद्र सिंह की अदालत के द्वारा भादवि की धारा 302/120 बी. भा.द.वि.के अंतर्गत दोषी पाते हुए मृतक की पत्नी को सश्रम आजीवन कारावास के साथ ही 15 हजार रुपये जुर्माना की सज़ा सुनाई है. न्यायालय ने कहा है कि जुर्माने की सभी राशि सरकारी खजाने में जमा कराया जाएगा. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर 6 वर्षों का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

बता दें कि, इटाढ़ी थाना क्षेत्र के भेलूपुर गाँव निवासी अंगद सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया था कि उनके पुत्र दीपक कुमार की शादी डुमराँव दक्षिण टोला वार्ड न. 24 के भरत सिंह की पुत्री किरन देवी के साथ हुई थी शादी के बाद दोनों के संबंध से एक बच्ची भी है. बच्ची पैदा होने के बाद उनके पुत्र दीपक कुमार एवं उनकी पत्नी किरन देवी के बीच मनमुटाव रहने लगा. दरअसल, दीपक यह कहा करता था कि  उसकी पत्नी का संबंध  किसी अन्य व्यक्ति से है. जिससे वह फोन पर बातचीत करती रहती है. वह इसका विरोध भी किया करता था. जिससे कि प्रतिदिन घर पर झगड़ा हुआ करता था. घटना से लगभग 20 दिन पहले किरन देवी का भाई उसे विदा कराकर डुमराँव अपने घर ले गया. इसी बीच 20 अक्टूबर 2017 को दीपक की पत्नी ने फोन पर सूचना दी कि बच्ची की तबीयत बेहद खराब है. 

सूचना पर दीपक अपने ससुराल चला गया, जहां रात्रि में सोते वक्त उस के हत्या करा दी गई. मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के पश्चात पुलिस ने अनुसंधान प्रारंभ किया तथा अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने इस घटना में किरन देवी, तथा उसके प्रेमी छोटू यादव एवं रोहित कुमार की संलिप्तता पाई. जिसके बाद किरन देवी तथा छोटू यादव के विरुद्ध भादवि की धारा 302 तथा 120 बी में आरोप पत्र समर्पित किया तथा रोहित कुमार को फरार दिखाया गया.  बाद में छोटू यादव को नाबालिग पाकर न्यायालय ने छोटू यादव का मुकदमा अलग करते हुए मुकदमा को किशोर न्याय परिषद में भेज दिया तथा किरन देवी के मुकदमा को विचारण के लिए त्वरित न्यायालय द्वितीय के समक्ष भेजा गया.

मामले के संबंधित डुमराँव थाने में  कांड संख्या 306/17 दर्ज कराया गया था.  मामला त्वारित न्यायालय द्वितीय में लाया गया था. जिसमें सेशन ट्रायल 85/18 दर्ज कराया गया था. मंगलवार को हुई न्यायिक कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से अधिवक्ता राम कृष्ण चौबे व त्रिलोकी मोहन मौजूद रहे. वहीं बचाव पक्ष की तरफ से संजय कुमार चौबे ने मामले की पैरवी की.

- न्यायालय सवांददाता राघव कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट








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