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आशीष हत्याकांड: मामले को उलझाने के लिए हत्या के बाद माँगी गयी फिरौती - एडीजी

कहा कि छात्र के लापता होने के बाद से ही पुलिस मामले को लेकर काफी गंभीर थी, लेकिन इस संदर्भ में पुलिस को कुछ खास सुराग हाथ नहीं लग पाया. पुलिस अभी अपना काम कर ही रही थी कि इसी बीच छात्र आशीष का शव मिलने की सूचना ने हमारे तहकीकात को थोड़ा उलझा दिया. 

- आशीष हत्याकांड की जांच करने बक्सर पंहुचे एडीजी और डीआईजी
- परिजनों से की मुलाकात, कहा- जल्द होगा मामले का खुलासा.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिले के डुमरांव अनुमंडल निवासी रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी के बेटे आशीष तिवारी के हत्याकांड की जांच करने सोमवार को एडीजी सीआईडी विनय कुमार और डीआईजी शाहाबाद राकेश कुमार राठी डुमराव पहुंचे. डुमराँव पहुंचने के बाद एडीजी और डीआईजी ने पूरे मामले की जानकारी हासिल की और केस की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की. इस दौरान बक्सर एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा और डुमराँव डीएसपी के के सिंह भी मौजूद रहे. डुमराँव थाने में घंटों एडीजी और डीआईजी ने अधिकारियों के साथ बैठक की और मामले की तह तक पहुंचकर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इस दौरान मृतक छात्र के परिजनों से मिलकर भी पुलिस के इन वरीय अधिकारियों ने जल्द ही कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीआईडी के एडीजी विनय कुमार ने कहा कि छात्र के लापता होने के बाद से ही पुलिस मामले को लेकर काफी गंभीर थी, लेकिन इस संदर्भ में पुलिस को कुछ खास सुराग हाथ नहीं लग पाया. पुलिस अभी अपना काम कर ही रही थी कि इसी बीच छात्र आशीष का शव मिलने की सूचना ने हमारे तहकीकात को थोड़ा उलझा दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस का अनुसंधान जारी है और जल्द ही छात्र के कातिलों को गिरफ्तार किया जाएगा और परिणाम सबके सामने होगा. अपराधियों द्वारा छात्र के परिजनों से फिरौती मांगे जाने के मसले पर एडीजी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि छात्र की हत्या करने के बाद अपराधियों ने फिरौती की मांग कर तहकीकात को उलझाने की कोशिश की है. हालांकि इस पूरे मामले की तहकीकात गंभीरता से की जा रही है और अपराधी जो कोई भी हो बख्शे नहीं जाएंगे.

आपको बताते चलें कि पिछले 7 अगस्त को डुमराँव के टेक्सटाइल कॉलोनी स्थित अपने घर से आशीष  अपने दोस्तों के साथ मेला देखने के लिए निकला था लेकिन घर वापस नहीं लौटा. 13 वर्षीय छात्र आशीष कुमार लापता होने के बाद अगले दिन उसके पिता के मोबाइल पर फोन कर 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगते हुए आशीष का अपहरण कर लिए जाने की बात अपराधियों के द्वारा कही गई थी. इस बाबत डुमराव थाने में गुमशुदगी के बाद अपहरण का मामला दर्ज कराया गया था. छात्र के सकुशल बरामदगी के लिए बक्सर एसपी ने एसआईटी टीम का गठन भी किया था लेकिन टीम न तो आशीष का पता लगा सकी और ना ही अपहरणकर्ताओं का. हालांकि, छात्र के अपहरण के 17 दिन बाद डुमराँव में ही एक अर्धनिर्मित खंडहरनुमा मकान में उसका शव बरामद किया गया था.

पूरे मामले में शुरू से ही मृतक छात्र के परिजन पुलिस पर उदासीनता बरतने का आरोप लगा रहे थे. आशीष का शव बरामद किए जाने के बाद लोगों का आक्रोश चरम पर आ गया और लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश मार्च निकालकर डुमरांव शहर को न केवल बंद कराया था बल्कि जमकर प्रदर्शन भी किया था. प्रदर्शन के दौरान लोगों ने बक्सर पुलिस को आशीष के हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए यह कहा था कि अगर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. माना जा रहा है कि, इन्हीं वजहों के कारण अपनी किरकिरी होता देख प्रशासन ने एक बार फिर मामले को गंभीरता से लिया है. एडीजी और डीआईजी ने डुमराँव पहुचकर मामले की समीक्षा की और अधिकारियों को जल्द रिजल्ट देने का निर्देश दिया.













1 comment:

  1. Ab fir Bihar jangal Raj ban Gaya police niskriy ho gai.

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