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अधिवक्ता हत्याकांड में मृतक के भाई का बयान: बताया - किसने दौड़ाकर मारी गोली ..

हथियारों से लैस देखते ही चितरंजन सिंह जान बचाने के लिए वहां से भागे. इसके पहले कि वो वहां से निकल पाते कि यशवंत के मामा उमाशंकर ने साथ में आए लोगों को ललकारा कि अब क्या देखते हो जल्दी गोली मारो. 
अस्पताल में मौजूद मृत अधिवक्ता के भाई

- मामले में दर्ज हुई 7 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी
- स्वर्गीय खूंटी यादव के पुत्रों समेत सात हैं आरोपी.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "गोली मेरे सामने ही मारी गयी है. मैं भाई सरोज यादव तथा बड़े भाई चितरंजन यादव के साथ ही कोर्ट परिसर से बाहर निकला था. इस बीच लधुशंका के लिए बड़े भाई रूक गए और तभी वहां पहले से घात लगाए मुफस्सिल थानाक्षेत्र के लालगंज निवासी स्व. खूंटी यादव के पुत्र यशवंत यादव तथा यशदेव यादव के अलावा यशवंत यादव के मामा डुमरांव निवासी उमाशंकर यादव, जगदीशपुर निवासी सरयू यादव के पुत्र वशिष्ट यादव, विश्वम्भर यादव और उमाशंकर यादव तथा रंजीत सिंह पिता स्व. मुक्तेश्वर सिंह के अलावा दो अन्य को हथियारों से लैस देखते ही चितरंजन सिंह जान बचाने के लिए वहां से भागे. इसके पहले कि वो वहां से निकल पाते कि यशवंत के मामा उमाशंकर ने साथ में आए लोगों को ललकारा कि अब क्या देखते हो जल्दी गोली मारो. इसके साथ ही यशवंत यादव, यशदेव यादव, उमाशंकर यादव तथा वशिष्ठ यादव ने अपने हथियारों से गोली चलानी शुरू कर दी. इस दौरान रंजीत द्वारा चलाई गई गोली जानलेवा साबित हुई जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई." यह कहना है न्यायालय परिसर के समीप अपराधियों के गोली का शिकार हुए अधिवक्ता चितरंजन सिंह के भाई जगमोहन यादव का.
मृत अधिवक्ता के बयान पर मामले में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है. मामले में मृतक अधिवक्ता के भाई ने खूंटी यादव के दो पुत्रों समेत सात लोगों को नामजद करते हुए सुनियोजित तरीके से हत्या का आरोप लगाया है. पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी करने में लगी है. हालांकि, गुरुवार की देर शाम तक इस मामले में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली थी.

प्रभारी नगर थानाध्यक्ष असलम शेर ने बताया कि अधिवक्ता हत्या कांड में मृतक चितरंजन सिंह के भाई जगमोहन सिंह के बयान पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है.  प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही पुलिस नामजदों की गिरफ्तारी के प्रयासों में लग गई है. हालांकि, इस मामले में पुलिस को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए पुलिस नई रणनीति तैयार कर रही है.

एसपी ने की अधिकारियों के साथ बैठक:

अधिवक्ता चितरंजन सिंह की हत्या के बाद पुलिस पर अधिवक्ता संघ के लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए गुरुवार को पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने एक आवश्यक बैठक की. जिसमें आरोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए एसपी ने मार्गदर्शन दिया. इस दौरान पुलिस पदाधिकारियों के साथ एसपी ने एक नई रणनीति तैयार करते हुए पुलिस को काम करने का आदेश जारी किया. एसपी के निर्देश पर पुलिस लगातार छापेमारी करने में लगी है.












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