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मिलने पहुंचे डीजीपी को आशीष के पिता ने बताया जाँच का एंगल ..

पुलिस उन्हीं के छत के नीचे खड़े होकर मामले को सुलझाने के लिए एंगल तलाश रही थी जबकि, आज पुलिस जिस एंगल पर काम कर रही है वह एंगल उनके द्वारा पूर्व में ही पुलिस को बताया गया था. लेकिन, ना तो डुमराँव पुलिस से बड़े पदाधिकारी और ना ही नव गठित एसआईटी की टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया. 

- डीजीपी के सामने ही बक्सर पुलिस को कोसते रहे लोग.
- आशीष के पिता ने बताया, मामले की गंभीरता को नहीं समझ सके पुलिस पदाधिकारी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: आशीष हत्याकांड के बाद सूबे में पुलिस की खासी किरकिरी हो रही है. ऐसे में पुलिस के बड़े अधिकारी बक्सर पहुंचकर मातमपुर्सी करने के साथ-साथ हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक पुलिस को कोई विशेष सफलता नहीं मिल पाई है. इसी क्रम में डीजीपी राकेश राठी तथा एडीजी विनय कुमार भी सोमवार को बक्सर पहुंचे. वहीं, मंगलवार को  बक्सर के मूल निवासी तथा सूबे की पुलिस के मुखिया डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय डुमराँव तथा बक्सर पहुंचे डुमराव में सर्वप्रथम इन्होंने मृत किशोर आशीष के पिता गजेंद्र तिवारी से मुलाकात की. जहां उन्होंने उनसे विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की. हालांकि, इस मुलाकात के दौरान डीजीपी काफी हद तक खामोश रहे तथा मृतक के पिता की बात सुनते रहे. बताया जा रहा है कि उन्होंने एकांत में भी कुछ देर मृतक के पिता गजेंद्र तिवारी से बातचीत की.

जिस एंगल पर काम कर रही है पुलिस पहले ही बताया था वह एंगल: गजेंद्र तिवारी

इस दौरान रिटायर्ड फौजी ने डीजीपी को स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनके पुत्र की हत्या पुलिस की विफलता के कारण हुई है. उन्होंने बताया कि, पुलिस उन्हीं के छत के नीचे खड़े होकर मामले को सुलझाने के लिए एंगल तलाश रही थी जबकि, आज पुलिस जिस एंगल पर काम कर रही है वह एंगल उनके द्वारा पूर्व में ही पुलिस को बताया गया था. लेकिन, ना तो डुमराँव पुलिस से बड़े पदाधिकारी और ना ही नव गठित एसआईटी की टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया. जिसका नतीजा आशीष की हत्या के रूप में सामने आया. 


होती रही किरकिरी, सिर नीचे किए रहे वरीय पदाधिकारी:

उधर, आशीष के रिश्तेदारों के अतिरिक्त अन्य लोगों ने भी सार्वजनिक रूप से पुलिस को भला बुरा कहा मौके पर डीजीपी के अलावे आरक्षी अधीक्षक उपेंद्र नाथ वर्मा के अतिरिक्त जिले की पुलिस के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि, किसी के पास मृतक के लोगों द्वारा है द्वारा पूछे जा रहे सवालों के जवाब नहीं थे जिसके कारण वह नजरें झुकाए हुए थे. मीडिया से बातचीत करने के क्रम में डीजीपी ने बताया कि पुलिस को मामले से जुड़े कई सुराग मिले हैं शीघ्र ही घटना का उद्भेदन करते हुए अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा. मौके पर भाजपा नेता सह क्षेत्रीय विस्तारक अमरेंद्र पांडेय भी मौजूद रहे.

डीजीपी के बक्सर आने के बाद मचा रहा हड़कंप:

डुमराँव के बाद डीजीपी बक्सर पहुंचे जहां उन्होंने अपने रिश्तेदार डॉ. रंगनाथ तिवारी से मुलाकात की. तत्पश्चात वह नगर थाने की तरफ चलें. नगर थाने की पुलिस के अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस भी डीजीपी के स्वागत के लिए मुस्तैद खड़ी थी. डीजीपी के आगमन की सूचना मिलते ही नगर थाने के पुलिसकर्मी सतर्क हो गए. हालांकि, डीजीपी सीधी जिला अतिथि गृह में चले गए.

बता दे कि, डुमराँव टेक्सटाइल कॉलोनी के रहने वाले रिटायर्ड फौजी गजेंद्र तिवारी के नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले पुत्र आशीष का अपहरण 7 अगस्त को उस वक्त हो गया था. जब वह काली पूजा का मेला देखने के लिए घर से निकला था. बताया जा रहा है कि, अपहरण किए जाने के बाद अगले दिन आशीष के मोबाइल से 30 लाख रूपये फिरौती की मांग की गई थी. जिसके बाद पुलिस के काफी प्रयास के बावजूद ना तो अपहरणकर्ता और ना ही आशीष का कोई पता चल सका. करीब 17 दिनों के बाद उसकी लाश उसके घर से महज 500 मीटर की दूरी पर पॉवर स्टेशन के समीप बने खंडहर नुमा मकान से बरामद की गई. लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि, उसकी हत्या 15 16 दिन पूर्व की गई हो.














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