प्रदूषण जाँच केंद्र पर हो रही अवैध वसूली, अधिवक्ताओं ने डीटीओ को लिखा पत्र ..
बताया जा रहा है कि, सभी केंद्रों पर धड़ल्ले से अवैध वसूली की जा रही है. जहां किसी भी बाइक के लिए निर्धारित शुल्क केवल 80 रुपये है. वहीं, तय राशि से से कई गुना अधिक शुल्क लोगों से लिए जा रहे हैं.
- पत्र में लगाया आरोप, प्रदूषण केंद्रों पर विरोध करने पर किया जाता है दुर्व्यवहार.
- निर्धारित से कई गुना ज्यादा वसूला जाता है प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनाने का शुल्क.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नए परिवहन नियम लागू होने के बाद अब सभी गाड़ियों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनाना आवश्यक हो गया है. जिले में तीन स्थानों पर यह प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. हजारों रुपए फाइन से बचने के लिए लोग अब इन केंद्रों पर जुटने लगे हैं.
सभी केंद्रों पर प्रतिदिन हजारों लोग प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र बनाने के लिए पहुंचते हैं. जिसका फायदा इन केंद्रों के संचालक बखूबी उठा रहे हैं. बताया जा रहा है कि, सभी केंद्रों पर धड़ल्ले से अवैध वसूली की जा रही है. जहां किसी भी बाइक के लिए निर्धारित शुल्क केवल 80 रुपये है. वहीं, तय राशि से से कई गुना अधिक शुल्क लोगों से लिए जा रहे हैं. ऐसे में व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं ने इन सेंटर के संचालकों के विरुद्ध जिला परिवहन पदाधिकारी को आवेदन देकर इनके विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की मांग की है.
अपने आवेदन में अधिवक्ताओं ने बताया है कि, इन सेंटरों के संचालकों द्वारा मोटरसाइकिल के सर्टिफिकेट के लिए 200 से 300 रुपये तथा कार के लिए 500 रुपये तक ज्यादा लिए जाते हैं. अधिवक्ताओं ने बताया कि, इन सेंटरों पर दलाल सक्रिय होते हैं. जो कि, पहुंचने वाले लोगों को अपने झांसे में लेकर उनसे ज्यादा रुपयों की उगाही करते हैं. यही नहीं अगर कोई व्यक्ति इस बात का विरोध करता है तो मौके पर मौजूद असामाजिक तत्वों द्वारा उस व्यक्ति से मारपीट तक की जाती है.
इस संदर्भ में जिला परिवहन पदाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. बाहर हाल इस तरह का गंभीर मामला कहीं ना कहीं यह साबित करता है कि, गलत काम करने वालों के मन में प्रशासन का वह बिल्कुल भी नहीं है.
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