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वीडियो: शर्मनाक: नवजात के इलाज को घंटों भटकते रहे परिजन, डीएस का मासूम बयान, यहाँ ड्रेसिंग तक करने वाला कोई नहीं ..

अस्पताल में जाकर स्थिति को देखा तो पीड़ित के बयान एवं अस्पताल की व्यवस्था में अक्षरश: समानता थी. अस्पताल में कहीं भी चिकित्सक नजर नहीं आ रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ प्रबंधक के कमरे में भी ताला जड़ा हुआ था इतना ही नहीं अस्पताल में बना मे आई हेल्प यू काउंटर भी खाली पड़ा था. 

- खाली पड़ा है "मे आई हेल्प यू काउंटर."
- व्यवस्थाओं की जानकारी तक देने वाला कोई नहीं.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा अस्पताल में फल बांटकर लोगों के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे व्यक्तियों को उचित प्रबंधन के अभाव में दर-दर भटकना पड़ रहा है. आश्चर्य की बात तो यह है कि, दर-दर भटकने के बावजूद भी मरीजों तथा उनके परिजनों को अपनी समस्याओं का उचित समाधान नहीं मिल पा रहा है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि, सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे व्यक्तियों तथा उनके परिजनों का ऐसा कहना है. जिले के चिलहरी गांव से एक प्रसूता को इलाज कराने के लिए लेकर अस्पताल में पहुंचे एक व्यक्ति को इलाज के लिए बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा.


दरअसल, सोमवार को ही एक गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल में पहुंचे चिलहरी के रहने वाले पंकज सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में ही सोमवार को उनके मरीज ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। जन्म के कुछ घंटों बाद बच्चे की तबीयत खराब होने लगी, जिसके बाद वह चिकित्सक की तलाश में सदर अस्पताल के एक कोने से दूसरे कोने तक चक्कर लगाते रहे. लेकिन, ना तो उन्हें कोई यह बताने वाला मिला के चिकित्सक कहां और कब मिलेंगे और ना ही कोई चिकित्सक उनके सामने आया. 

ऐसे में हैरान-परेशान होकर अस्पताल की व्यवस्थाओं को कोसते हुए उन्होंने मीडिया को फोन किया. जिसके बाद बक्सर टॉप न्यूज़ के संवाददाता ने अस्पताल में जाकर स्थिति को देखा तो पीड़ित के बयान एवं अस्पताल की व्यवस्था में अक्षरश: समानता थी. अस्पताल में कहीं भी चिकित्सक नजर नहीं आ रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ प्रबंधक के कमरे में भी ताला जड़ा हुआ था इतना ही नहीं अस्पताल में बना मे आई हेल्प यू काउंटर भी खाली पड़ा था. 

काफी पूछने पर भी किसी ने कोई जवाब नहीं दिया तो संवाददाता ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. डीएन पांडेय से बात की. लेकिन, उन्होंने कैमरे के सामने तो कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन फोन पर बताया कि, अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ कोई नहीं है. हालांकि, यह पूछने पर कि, चिकित्सक समय पर क्यों नहीं पहुंचे हैं? उन्होंने, इस सवाल को टाल दिया. "मे आई हेल्प यू काउंटर" के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, अस्पताल में कर्मियों की कमी है. अगर "मे आई हेल्प यू काउंटर" पर किसी को बैठा दिया जाता है. तो फिर ड्रेसिंग तक करने वाला कोई नहीं होगा. 

तकरीबन 10 बजे अस्पताल में एक चिकित्सक का पदार्पण हुआ तथा उन्होंने बच्चे की चिकित्सा शुरू कर दी. हालांकि, मरीज असंतुष्ट थे उनका कहना था कि वह शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं थे. ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल की इस दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है.











2 comments:

  1. Ye sab aap hi sab ke kripa se mananiy mantri ji itna fale fule hai

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  2. Ashawani chaubey jee esaka satic jabab dange.

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