पेट की आग पर भारी पड़ा बाढ़ का पानी, देखते ही देखते खत्म हो गई जिंदगानी ..
मुआवजे की दावेदारी को लेकर मौके पर अजीबोगरीब माहौल सामने आया. दरअसल, राजेंद्र मुसहर की दो शादियां हुई थी. पहली पत्नी जहां खिलाफतपुर में रहती थी. वहीं, दूसरी पत्नी को लेकर वह बनारपुर में रहा करते थे. इसी दरमियान यह हादसा हो गया.
इसी जलजमाव में डूब गए व्यक्ति |
- चौसा प्रखंड के बनारपुर में हुआ हादसा.
- जलावन के लिए लकड़ी चुनने गए थे व्यक्ति.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर बाढ़ की विभीषिका प्रत्यक्ष नजर आने लगी है. एक तरफ जहां जिले के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. वहीं, सड़कों के जलमग्न हो जाने के कारण आवागमन भी अब जान हथेली पर लेकर करना पड़ रहा है. इसी बीच चौसा के बनारपुर से एक दुखदाई घटना की खबर सामने आई है. जिसमें पेट की आग बुझाने के लिए लकड़ी चुने गए एक व्यक्ति बाढ़ के गहरे पानी में डूब कर मौत की आगोश में समा गया.
मृतक के घर के समीप लगी भीड़ |
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक चौसा पावर प्लांट के अधिग्रहित क्षेत्र में लकड़ी का एक पेड़ बाढ़ के कारण ध्वस्त हो गया था. इस बात की जानकारी मिलने पर जलावन की लकड़ी की लालच में मूल रूप से चौसा प्रखंड के खिलाफतपुर के निवासी तथा वर्तमान में बनारपुर में रह रहे राजेंद्र मुसहर (55 वर्ष) तथा दो और लोग लकड़ी चुनने के लिए उस इलाके में पहुंचे. तभी राजेंद्र का पैर फिसल गया तथा वह गहरे पानी में चले गए. उनके साथ पहुंचे व्यक्ति जब तक कुछ समझ पाते तब तक वह गहरे पानी में डूब चुके थे.
दो पत्नियों के बीच मुआवजे की राशि के वितरण को लेकर फंसा मामला:
बाद में किसी तरह स्थानीय गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाला गया तथा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी पहुंच गए. हालांकि, मुआवजे की दावेदारी को लेकर मौके पर अजीबोगरीब माहौल सामने आया. दरअसल, राजेंद्र मुसहर की दो शादियां हुई थी. पहली पत्नी जहां खिलाफतपुर में रहती थी. वहीं, दूसरी पत्नी को लेकर वह बनारपुर में रहा करते थे. इसी दरमियान यह हादसा हो गया. प्रशासन के साथ-साथ लोग भी यह फैसला नहीं कर पा रहे थे कि, मुआवजे की राशि किसे दी जाए. अंततः मुआवजे की राशि नहीं दी गयी. बताया गया कि आपसी सहमति के बाद जो भी दावेदार सामने आएगा उसे मुआवजे की राशि दी जाएगी. इस घटना के बाद स्थानीय बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भी भय का माहौल कायम हो गया है.
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