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बैंकों के विलय को लेकर हड़ताल, बैंकिंग सेवाएं रही प्रभावित ..

उन्होंने बताया कि इन 10 बैंकों का विलय होने से 3,16,632 करोड़ रुपये जो कि एनपीए हैं. इनकी रिकवरी नहीं हो सकेगी. यह पैसे बैंक अपने लाभ में से राइट ऑफ करेगा. इसी बात का विरोध एआइबीइए तथा बीइएफआई कर रहा है.

- बैंकों की हड़ताल का पड़ा आंशिक प्रभाव.
- बैंकों की शाखाओं के विलय का हो रहा है विरोध

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बैंकों के विलय और शाखाओं को बंद करने के विरोध में मंगलवार को देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर बक्सर में भी सभी सरकारी तथा गैर सरकारी बैंक बंद रहे. यही नहीं बैंकों के एटीएम भी नहीं खुले थे. बैंकों के बंद रहने से जहां कामकाज पर प्रभाव पड़ा. वहीं ग्राहकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालांकि, स्टेट बैंक की मुख्य शाखा आंशिक रूप से खुली रही जिसके कारण ग्राहकों को कुछ सहूलियत हुई.

बंद के संदर्भ में जानकारी देते हुए बिहार प्रोविंशियल बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन की जिला कमेटी के सचिव हरीश कुमार ने बताया कि 2017 में स्टेट बैंक के साथ छह बैंकों का विलय किया गया था. परिणाम स्वरूप 6950 शाखाओं को बंद करना पड़ा था. वहीं, 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ 2 बैंकों का विलय किया गया परिणाम स्वरूप 1600 शाखाओ को बंद करने की योजना है. वर्ष 2019 में 10 बैंकों को विलय करने की घोषणा की गई है. इसमें भी अधिकतर शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि इन 10 बैंकों का विलय होने से 3,16,632 करोड़ रुपये जो कि एनपीए हैं. इनकी रिकवरी नहीं हो सकेगी. यह पैसे बैंक अपने लाभ में से राइट ऑफ करेगा. इसी बात का विरोध एआइबीइए तथा बीइएफआई कर रहा है. हरीश कुमार ने बताया कि, जिले का नेतृत्व बिहार प्रोविंशियल बैंक एंपलाइज एसोसिएशन जिला समिति के द्वारा किया गया. इस दौरान सभी निजी तथा सरकारी बैंक बंद रहे. हालांकि, त्योहारों के मद्देनज़र ग्राहकों की सुविधा के लिए स्टेट बैंक की मुख्य शाखा को आंशिक रूप से खुला रखा गया था.














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