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टपक विधि से सिंचाई किसानों के लिए वरदान - जिलाधिकारी

घटते भूगर्भ जलस्तर को देखते हुए ड्रिप सिंचाई किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. किसानों को चाहिए कि, वह ज्यादा से ज्यादा टपक विधि सिंचाई तकनीक अपनाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि, टपक सिंचाई के लिए यंत्र 90 फीसद अनुदान पर मिलता है. 

- प्रधानमंत्री सूक्ष्म कृषि सिंचाई योजना का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
- 90 फीसद अनुदान पर मिल रहा है सिंचाई संयंत्र, ऑनलाइन होगा आवेदन.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई योजना की जानकारी देने के लिए जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन स्थानीय नगर भवन में किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी राघवेंद्र सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती, आत्मा के परियोजना निदेशक देवनंदन राम तथा उद्यान पदाधिकारी दीपक कुमार के साथ ही जिले भर से पहुंचे कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी समेत कई किसान भी मौजूद रहे.

कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत होने के पश्चात किसानों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि, घटते भूगर्भ जलस्तर को देखते हुए ड्रिप सिंचाई किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. किसानों को चाहिए कि, वह ज्यादा से ज्यादा टपक विधि सिंचाई तकनीक अपनाने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि, टपक सिंचाई के लिए यंत्र 90 फीसद अनुदान पर मिलता है. उसके लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

उद्यान पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि, टपक विधि से सिंचाई संयंत्र की खरीद पर 90 फीसद अनुदान है. एक हेक्टेयर में संयत्र स्थापित करने के लिए तकरीबन 1 लाख 16 हज़ार रुपये लगते हैं. जिसमें 10 फीसद राशि 12 फीसद जीएसटी के साथ देना होता है. उन्होंने कहा कि, सब्जी की खेती में टपक विधि से सिंचाई लाभकारी हो सकती है.













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