बाबर अली गोलीकांड मामले में एक साल बाद भी पुलिस के हाथ खाली ..
इसी बीच हिमांशु उपाध्याय उर्फ नगिनिया नाम के एक अपराधी का नाम इस मामले में लिया जा रहा था. लेकिन, पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि, उसी ने बाबर अली को गोली मारी थी. हिमांशु नामक अपराधी को पुलिस ने किसी अन्य मामले में पकड़ कर जेल भेज दिया है.
- पिछले वर्ष 28 अक्टूबर को अपराधियों की गोली का शिकार हुआ था बाबर.
- पैरालाइसिस का शिकार हो कर मौत से भी बदतर जीवन जीने को है मजबूर.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पिछले वर्ष 28 अक्टूबर को अपराधियों की गोली का शिकार हुए कांग्रेस के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बाबर अली को गोली मारने वालों का पुलिस अब तक पता नहीं लगा पाई है. वहीं, गोली के शिकार बाबर के कमर के नीचे के भाग में पैरालाइसिस अटैक होने के कारण उसकी हालत, मौत से भी बदतर हो गयी है.
दरअसल, 28 अक्टूबर 2018 को बक्सर गोलंबर के समीप सारीमपुर के निवासी कांग्रेस नेता बाबर अली एवं औद्योगिक थाना क्षेत्र के नदांव रहने वाले एक युवक सत्येंद्र यादव को गोली मार दी गई थी. इस दरम्यान सत्येंद्र यादव की मौत हो गई थी. वहीं, बाबर अली पैरालाइसिस का शिकार हो गया है. जिससे अब वह हमेशा किसी सहारे का मोहताज़ हो गया है. अब इसे पुलिसिया अनुसंधान में बरती जाने वाली सुस्ती कहे या कुछ और तकरीबन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भी पुलिस अभी तक यह पता लगाने में सफल नहीं हो पाई है कि गोली किसने और क्यों मारी? इसी बीच हिमांशु उपाध्याय उर्फ नगिनिया नाम के एक अपराधी का नाम इस मामले में लिया जा रहा था. लेकिन, पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि, उसी ने बाबर अली को गोली मारी थी. हिमांशु नामक अपराधी को पुलिस ने किसी अन्य मामले में पकड़ कर जेल भेज दिया है.
इस मामले में थानाध्यक्ष दिनेश कुमार मालाकार से बात करने पर उन्होंने बताया कि, मामला अनुसंधान में है हालांकि, अब तक हुई जांच में यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है किसने इस घटना को अंजाम दिया था.
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