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अतिथि शिक्षकों का मानदेय बंद, कईयों ने छोड़ी नौकरी ..

राज्य सरकार ने करीब 37 लाख रुपये का आवंटन दिया. यह बात और है कि उसके बाद भी शिक्षकों को भुगतान नहीं किया गया. इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है. इनका कहना है कि, विभाग ने पर्व का भी ख्याल नहीं रखा. लिहाजा, उनका पर्व भी फांकाकशी में बीता.



- फरवरी माह से ही बंद है अतिथि शिक्षकों का मानदेय.
- अभावों में बीता दशहरा, अंधेरी रही दीपावली.

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भारत देश जहां अतिथि देवो भव: की परंपरा निभाई जाती है वहां अतिथि शिक्षकों की स्थिति कथनी और करनी के अंतर को स्पष्ट करती है. हालांकि, जिस जगह पर महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे व्यक्ति की इलाज के अभाव में मौत हो जा रही हो वहां ज्यादा कुछ कहना आवश्यक नहीं है.

दरसअल, जिले के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को दशहरा या दीपावली जैसे पर्व पर भी मानदेय का भुगतान नहीं किया गया. जबकि, पर्व के दौरान सभी को वेतन भुगतान का आदेश वित्त विभाग ने ही सभी विभागों को दिया था. बावजूद, इन शिक्षकों को विभाग ने दरकिनार कर दिया. इस तरह की व्यवस्था के बीच शिक्षकों का कहना है कि, अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनको भुगतान नहीं किया गया. 

नियमित भुगतान नहीं होने से कइयों ने छोड़ी नौकरी: 

बताया जाता है कि, जिले में उच्च्तर माध्यमिक विद्यालयों में कुल 116 अतिथि शिक्षकों को रखा गया, जिसमें कइयों ने नौकरी छोड़ दी है. बाकी बचे 99 शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति आ गई है. बताया जाता है कि, शिक्षा विभाग द्वारा पिछले दिनों जिले में अतिथि शिक्षकों के मानदेय के लिए ढाई करोड़ रुपये की मांग की गई थी लेकिन, राज्य सरकार ने करीब 37 लाख रुपये का आवंटन दिया. यह बात और है कि उसके बाद भी शिक्षकों को भुगतान नहीं किया गया. इसको लेकर शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है. इनका कहना है कि, विभाग ने पर्व का भी ख्याल नहीं रखा. लिहाजा, उनका पर्व भी फांकाकशी में बीता.

तकनीकी दिक्कत का अधिकारी दे रहे हवाला:

मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा) से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि, इसमें कुछ तकनीकी दिक्कत है. उसे दूर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आवंटन भी आ गया है. एक सप्ताह के अंदर सभी शिक्षकों को भुगतान कर दिया जाएगा. डीपीओ ने बताया कि नई व्यवस्था के अंतर्गत इन शिक्षकों को अब आरएमएसए डीपीओ द्वारा भुगतान किया जाएगा. पहले स्थापना डीपीओ को यह अधिकार था. अब स्थापना डीपीओ आरएमएसए डीपीओ को राशि निर्गत करेंगे. तत्पश्चात आरएमएसए डीपीओ शिक्षकों को भुगतान करेंगे.



















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