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सफाई देने से अच्छा स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देते मंत्री जी- अंकित द्विवेदी

मंत्री जी व उनके प्रतिनिधि व्यवस्था सुधारने के बजाय, बयानबाजी कर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहें हैं. रोटी, कपड़ा, मकान के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य मूल जरूरत के रूप में सदैव रहे हैं. उसका इस प्रकार बदतर होना निश्चित ही चिंताजनक हैं 


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राष्ट्रीय युवा महोत्सव  प्रतिनिधि व छात्र इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय अंकित द्विवेदी ने कहा कि, "सांसद अश्विनी कुमार चौबे प्रेस काफ्रेंस आयोजित कर सफाई व आरोप प्रत्यारोप करने से अच्छा था कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर ध्यान देते." अंकित ने कहा कि, जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था एकदम लचर हैं और बद से बदतर होती जा रही हैं. आँकडो को देखे तो बक्सर क्राइम में आगे खड़ा हैं लेकिन जितनी मौत क्राइम से नहीं हो रही उतनी व्यवस्था की मार से हो रही, आए दिन खबर आती हैं कि पटना, बनारस, दिल्ली ले जाने के क्रम में मौत हो जाती हैं. सोचिए अब इससे बुरा क्या हो सकता हैं जिस संसदीय क्षेत्र का सांसद, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री हो और उसके जिले व संसदीय क्षेत्र की हालत इतनी दयनीय हैं. यह महज बक्सर सदर का नहीं बल्कि, डुमराँव का भी हाल भी हैं. जिसको लेकर युवाओं ने कुछ दिनों पहले क्रमिक अनशन भी किया था और व्यवस्था सही न होने पर आमरण अनशन की चेतावनी भी हैं. इन सबके बावजूद भी मंत्री जी व उनके प्रतिनिधि व्यवस्था सुधारने के बजाय, बयानबाजी कर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहें हैं. रोटी, कपड़ा, मकान के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य मूल जरूरत के रूप में सदैव रहे हैं. उसका इस प्रकार बदतर होना निश्चित ही चिंताजनक हैं और आज हम उस समय पर खडे हैं जहाँ हम दुहाई माँगते हैं कि हमारे घर कोई बीमार न पड़े अन्यथा व्यवस्था की मार में हम उसे खो सकते हैं.

निश्चित ही स्वास्थ्य को लेकर युवाओं को आगे आना होगा वरना हम अपनों को खोते रहेंगे और यह सियासत दान कभी विधायक को तो कभी सांसद पर आरोप प्रत्यारोप करते रहेंगे और वैसे भी इन सत्ता के मदमस्त लोगों से क्या अपेक्षा की जा सकती है, जिन्हें अपनी जनता की आवाज न तो सुनाई देती है और ना व्यवस्था की बदहाली दिखाई देती है.



















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