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अहिल्या का जीवन दर्शन समझना है तो ब्रह्मर्षि विश्वामित्र को समझना पड़ेगा - मोरारी बापू

बापू ने अहिल्या प्रसंग को काम, क्रोध, लोभ से मुक्ति का प्रसंग बताते हुए कहा कि, माँ जानकी तक पहुँचने के लिए अहिल्या तक पहुँचना जरूरी है. अहिल्या पर प्रभु की कृपा वीर के रूप में हुई क्योकि कृपा वीर करते हैं कायर नही. अहिल्या का जीवन यज्ञमय जीवन है.


- नौ दिवसीय आयोजन में मोरारी बापू करा रहे हैं रामकथा का अमृत रस पान.
- बाजार समिति में बने विशाल प्रांगण में लगी रह रही श्रद्धालुओं की भीड़.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: श्री सीताराम विवाह महोत्सव के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर बाजार समिति के प्रांगण में चल रहे नव दिवसीय भव्य राम कथा के तीसरे दिन राष्ट्र संत के रूप में ख्याति प्राप्त मोरारी बापू ने कहा कि, अहिल्या का जीवन दर्शन समझना है तो ब्रह्मर्षि विश्वामित्र को समझना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के चरण रज पडते ही अहिल्या का उद्धार हो गया. अहिल्या निराहार-निराकार थी. राम ने अहिल्या को आहार भी दिया और साकार भी किया. बापू ने अहिल्या प्रसंग को काम, क्रोध, लोभ से मुक्ति का प्रसंग बताते हुए कहा कि, माँ जानकी तक पहुँचने के लिए अहिल्या तक पहुँचना जरूरी है. अहिल्या पर प्रभु की कृपा वीर के रूप में हुई क्योकि कृपा वीर करते हैं कायर नही. अहिल्या का जीवन यज्ञमय जीवन है.

बापू ने ज्ञान की विशेषता बताते हुए कहा कि, केवल तत्व ज्ञान पर्याप्त नहीं है. इसके साथ साथ सत्व ज्ञान भी चाहिए और सत्व ज्ञान स्वाध्याय और भजन से प्राप्त होता है. विश्वामित्र ने तप से ज्ञान अर्जित किया जबकि वशिष्ठ ने स्वाध्याय एवं भजन से. उन्होंने वशिष्ठ को वनवासी राम तो विश्वामित्र को जनवासी राम बताया. मानस की महिमा का बखान करते हुए बापू ने कहा कि, मानस कृपा प्रदान करती है. इसके स्वाध्याय के प्रयत्न मात्र से प्रभु कृपा रूपी अमृत की वर्षा प्रारंभ हो जाती है. उन्होंने रामचरित मानस को विश्व की अंतिम व्यवस्था बताया. जिसके पास मानस है वो अनाथ नहीं हो सकता. मानस संबंधो और कर्तव्यों का बोध कराने वाला ग्रंथ है. मानस की कथा के श्रवण से दुःख नष्ट होता है और दोष दूर होता है. यद्यपि दोष कभी नष्ट नहीं होता है परन्तु दूर होकर भी कभी न कभी परेशान अवश्य करता है. परन्तु संत संगति और प्रभु कृपा से दोष दूर भाग जाता है. बापू ने तपस्या और स्वाध्याय के अंतर की सुंदर व्याख्या करते हुए कहा कि तपस्या से प्राप्त सिद्धि में थोड़ा अहंकार आ जाता है परन्तु स्वाध्याय से प्राप्त सिद्धि अहंकार मुक्त होती है. स्वाध्याय से तपस्या की तुलना में अधिक फल प्राप्त होगा.

मोरारी बापू ने की शराबबंदी की सराहना, कहा- अच्छी राजनीति की होनी चाहिए प्रशंसा:

बापू ने कहा की जानकी की निंदा करने वालो को स्वर्ग नरक सहित 14 लोकों के इतर विशोक लोक में स्थान मिलता है. बापू ने बिहार में शराबबंदी की तारीफ करते हुए कहा की यद्यपि राजनीति से मेरा कोई लेना देना नहीं फिर भी अच्छी राजनीति सराहनीय है. और इसीलिए राम-राज्य की मांग भी है. बापू ने कहा कि मेरी इच्छा है कि, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो. विश्व का अद्भुत अद्वितीय अलौकिक मंदिर होना चाहिए. ऐसा की शताब्दियों तक इसका कोई मुकाबला न कर सके. उन्होंने कहा कि राम केवल भारत के नहीं सम्पूर्ण विश्व के है.

ब्राह्मण के मुख से प्रभु करते हैं भोजन ग्रहण:

आज कथा के बापू के द्वारा  दौरान व्यास पीठ पर एक ब्राह्मण देवता को प्रसाद ग्रहण कराना भी अद्भुत रहा. उन्होंने ब्राह्मण देवता को प्रसाद ग्रहण कर दक्षिणा प्रदान करते हुए यह कहा कि प्रभु ब्राम्हण के मुख से भोजन करते हैं. उन्होंने कहा कि, उनकी अब तक की कथा में ऐसा पहली बार हुआ है जब व्यासपीठ पर किसी ब्राह्मण को भोजन कराने का अवसर मिला हो. उन्होंने यह भी कहा कि, इस प्रकार की लीला केवल "मामा" के यहां ही हो सकती है.

महोत्सव में शामिल होने वाले प्रमुख संतों में मनमोहन शरण जी महाराज, वृंदावन के श्री राधा मोहन दास जी महाराज, कुरुक्षेत्र से विराट गुरु, वृंदावन से गिरधर गोपाल जी महाराज, चित्रकूट के जुगल किशोर शरण जी, यादवेंद्र शरण जी महाराज, अयोध्या के अजय शरन जी महाराज, रामदास बाबा वृंदावन से राधा बिहारी शरण जी महाराज वृन्दावन, अयोध्या से लक्ष्मण किलाधीश, मैथिलीरमण जी महाराज, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय जी जोशी
आज पूज्य बापू के कथा श्रवण के लिए विवाह महोत्सव अस्था आश्रम में पधारे हैं.

दूरदराज से आए हैं श्रद्धालु जुट रही है हजारों की भीड़:

मोरारी बापू के प्रवचन को सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यह लोग न सिर्फ देश बल्कि, विदेशों से भी पहुंचे हैं. तथा वह राम कथा की अमृत वर्षा में भींग कर स्वयं को धन्य कर रहे हैं. मोरारी बापू के प्रवचन को सुनने के लिए बनाए गए विशाल पंडाल में श्रोताओं की भीड़ खचाखच भरी रह रही है. हालांकि, बेहतर इंतजाम के कारण किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही है. कथा स्थल तथा बाहर सुरक्षा को लेकर भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं.




















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