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अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले का स्वागत ..

इस फैसले में दोनों पक्षों की जीत हुई है. एक तरफ जहां भगवान राम की प्रतिमा को यथा स्थान पर रखा गया है वहीं, दूसरी तरफ मस्जिद के लिए भी अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का बेहतरीन निर्णय न्यायाधीशों के द्वारा लिया गया है. 

- फ़ैसले को बताया दोनों पक्षों की जीत.
- मोहम्मद साहब की जयंती की पूर्व संध्या पर मिला तोहफा.


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सभी वर्गों ने इस फैसले की सराहना की है. नगर के प्रसिद्ध चिकित्सक तथा साबित खिदमत फाउंडेशन के निदेशक डॉ. दिलशाद आलम ने इस संदर्भ में एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया फैसला पीढ़ियों से चले आ रहे एक विवाद को खत्म करने में सहायक साबित हुआ. यह विवाद न सिर्फ किसी धर्म विशेष के लिए बल्कि देश के लिए भी एक बड़ी समस्या के रूप में दशकों से चला आ रहा था. 

डॉ. दिलशाद ने बताया कि, इस फैसले में दोनों पक्षों की जीत हुई है. एक तरफ जहां भगवान राम की प्रतिमा को यथा स्थान पर रखा गया है वहीं, दूसरी तरफ मस्जिद के लिए भी अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का बेहतरीन निर्णय न्यायाधीशों के द्वारा लिया गया है. फाउंडेशन के सचिव साबित रोहतासवी ने कहा कि, मोहम्मद साहब के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर न्यायालय के द्वारा लिया गया यह निर्णय किसी तोहफे से कम नहीं है. इस विवाद के सुलझ जाने से पीढ़ियों से चली आ रही आपसी वैमनस्यता भी खत्म हो जाएगी. भारत देश गंगा जमुनी तहजीब को मानने वाला देश है. न्यायालय ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि, इस तहजीब को कभी मिटने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने सभी न्यायाधीशों का धन्यवाद दिया.



















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