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भोजपुरी पत्रिका गधपूरना के पांचवें वर्ष के प्रथम अंक का हुआ लोकार्पण ..

कहा कि, डॉ. भारवि भोजपुरी भाषा और साहित्य के विकास के लिए समर्पित है. इनकी लेखनी से अब तक दो दर्जन पुस्तकों का सृजन हो चुका है. अभी भी इनका सृजन यज्ञ जारी है. इनकी पुस्तकें भोजपुरी की गौरव मानी जाती हैं.

- डॉ. अरुण मोहन भारवि के द्वारा रचित है पत्रिका
- मौके पर मौजूद रहे साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: भोजपुरी भाषा और साहित्य के विकास में भोजपुरी पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और भोजपुरी पत्रकारिता का विकास बक्सर से ही सन् 1915 में हुआ. आज भी बक्सर की धरती भोजपुरी पत्रकारिता के लिए एक मिसाल है. गधपूरना और उसके प्रधान संपादक डॉ. अरुण मोहन भारवि का भोजपुरी साहित्य में वही स्थान है जो हिंदी में धर्म युग और डॉ धर्मवीर भारती का है. यह विचार प्रोफ़ेसर बलिराज ठाकुर ने व्यक्त किए. मौका था भोजपुरी की गधपूरना पत्रिका के पांचवें वर्ष के प्रथम अंक के लोकार्पण करने का.

आयोजित कार्यक्रम में भोजपुरी साहित्य मंडल और अरुणोदय प्रकाशन के साझा बैनर तले मंडल अध्यक्ष अनिल कुमार त्रिवेदी की अध्यक्षता में त्रिवेदी कॉन्पलेक्स में आयोजित कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में अध्यक्ष ने कहा कि, डॉ. भारवि भोजपुरी भाषा और साहित्य के विकास के लिए समर्पित है. इनकी लेखनी से अब तक दो दर्जन पुस्तकों का सृजन हो चुका है. अभी भी इनका सृजन यज्ञ जारी है. इनकी पुस्तकें भोजपुरी की गौरव मानी जाती हैं. मौके पर गजलगो कुमार नयन ने बताया कि, भोजपुरी एक सक्षम भाषा है और इससे नई ऊंचाई देने में डॉ.भारवि जैसे साहित्यकारों का विशेष योगदान है. मौके पर मन्नू प्रसाद मद्धेशिया, विनीत कुमार सिंह, मनोज कुमार वर्मा, अभिषेक वर्मा, जयप्रकाश वर्मा, जमीर अनवर, राजेश महाराज, अनिल चौबे, सुनील कुमार, दीपक कुमार, अतुल मोहन समेत कई साहित्य प्रेमी उपस्थित थे.


















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